Bijapur News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में इस महीने की शुरुआत में नक्सल रोधी अभियान के दौरान मारे गए सात नक्सलियों में से एक सरकारी स्कूल में रसोइये का काम करता था. पुलिस ने बताया कि अपराधी की पहचान महेश कोडियाम के रूप में हुई है, जो फरसेगढ़ पुलिस थाने के अंतर्गत इरपागुट्टा गांव का निवासी है.
बीजापुर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में चार जून से सात जून के बीच चलाए गए नक्सल रोधी अभियान के दौरान हुई कई मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम ने सात नक्सलियों को मार गिराया था. अभियान के दौरान माओवादियों की केंद्रीय समिति का सदस्य नरसिंह चालम उर्फ सुधाकर और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति का विशेष क्षेत्रीय समिति का सदस्य भास्कर उर्फ मेलारापु अडेलु को भी मार गिराया गया था.
एक लाख का था इनामछत्तीसगढ़ में सुधाकर पर 40 लाख रुपये का इनाम था जबकि भास्कर उर्फ मेलारापु अडेलु पर छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में 45 लाख रुपये का इनाम था. पुलिस ने पांच माओवादियों में से एक की पहचान महेश कोडियाम के रूप में की थी और कहा था कि वह माओवादियों की राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति के पार्टी सदस्य के रूप में सक्रिय था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम था.
बाद में हुआ खुलासाबीजापुर पुलिस ने एक बयान में कहा, “बाद में पता चला कि कोडियाम इरपागुट्टा गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में सहायक रसोइये के रूप में काम कर रहा था. गांव की स्कूल प्रबंधन समिति ने उसे नियुक्त किया था और उसे मार्च 2025 तक इस काम के लिए पारिश्रमिक दिया जा रहा था.”
इसमें कहा गया, “इस बात की जांच की जा रही है कि कोडियाम का किन परिस्थितियों में सुधाकर और भास्कर जैसे वरिष्ठ माओवादी नेताओं से संपर्क हुआ. मामले के सभी पहलुओं की गहन और निष्पक्ष जांच की जा रही है.”
स्कूल में मिड डे मील करता था तैयारइरपागुट्टा के कुछ ग्रामीणों ने शनिवार (21 जून) को एक संवाददाता से बातीचत के दौरान दावा किया कि कोडियाम का उग्रवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है और वह गांव के एक स्कूल में मीड डे मील तैयार करने के लिए रसोइए के रूप में काम कर रहा था और इसके लिए उसे पारिश्रमिक भी मिल रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि कोडियाम के परिवार में उनकी पत्नी और सात बच्चे हैं.
मुठभेड़ में मारा गया नक्सली, छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल में रसोइये का करता था काम
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