Moradabad News: मुरादाबाद में छात्र-छात्राओं को स्कूल ले जा रही एक बस को आरटीओ अधिकारियों ने सड़क पर रोक कर उस से स्कूली बच्चों और स्टाफ़ को नीचे उतार दिया. इसके बाद स्कूल बस को आरटीओ आफिस में ले जाकर बंद कर दिया. इस बस के सभी कागज और फिटनेस आदि सही पाये जाने के बाद भी उत्पीड़न करने की नियत से इन अधिकारियों ने किसी दूसरे नंबर की बस का बत्तीस हजार पांच सौ (32500) रुपये का चालान इस बस के ड्राइवर को थमा दिया. बहरहाल मामले शिकायत होने पर अधिकारियों की जब फजीहत हुई तो आरटीओ प्रशासन राजेश कुमार ने अपने यात्री कर अधिकारी नरेंद्र छाबड़ा की गलती मानते हुए चालान को रद्द कर दिया.
स्कूल संचालकों का आरोप है कि सब कुछ ठीक होने के बावजूद आरटीओ विभाग उनका उत्पीड़न कर रहा है. साथ ही अवैध वसूली करना चाहता है. आरटीओ अधिकारियों की वजह से 30 बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ा है. वहीं आरटीओ विभाग की टीम ने सड़क पर बदसलूकी से छात्र छात्राओं के अभिभावक भी नाराज़ हैं. उनका आरोप है कि स्कूल की छवि खराब करने का काम आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने किया है जिसकी वह उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे.
क्या है पूरा मामला?दरअसल, मुरादाबाद की एडम एंड ईव्स कॉन्वेंट स्कूल की बस संख्या UP21 BN 2462 को आरटीओ विभाग द्वारा किसी दूसरी गाड़ी के नंबर की जांच के आधार पर जब्त कर लिया गया. आरटीओ विभाग के एक अधिकारी ने गलती से UP21 CN 2462 नंबर की ऑनलाइन जांच की, जबकि स्कूल बस का वास्तविक नंबर UP21 BN 2462 था. इस गलती के कारण ₹32,500 की पेनल्टी फिटनेस, परमिट और पॉल्यूशन के नाम पर लगाई गई और बस को पुलिस की सहायता से जब्त कर आरटीओ कार्यालय ले जाया गया.
जिस वक्त RTO अफसरों ने बस को रोका था, उस वक्त बस में कई बच्चे बैठे थे. इन बच्चों को वहीं उतार दिया गया, जिससे बच्चों में भय और असमंजस का माहौल रहा. इस बीच, जिन छात्रों को उसी बस से स्कूल पहुंचना था, वे अपने-अपने स्टॉपेज पर बस का इंतज़ार करते रहे. जब लगभग डेढ़ घंटे बाद भी बस नहीं आई तो वे घर लौटे, बाद में कई अभिभावक बच्चों को स्कूल लेकर पहुँचे और वहाँ पहुँचकर गुस्से में स्कूल प्रबंधन को जमकर खरी-खोटी सुनाई.
यह पूरी तरह एक भयानक प्रशासनिक गलती है, जिसकी वजह से बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और स्कूल की छवि तीनों को क्षति पहुँची है. आज स्कूल में परीक्षा भी निर्धारित थी, लेकिन प्रभावित छात्र उसमें शामिल नहीं हो सके, जिससे उनका शैक्षणिक नुकसान हुआ.
विद्यालय प्रबंधन ने की कार्रवाई की मांगविद्यालय प्रबंधन ने इस लापरवाही की कड़ी निंदा करते हुए आरटीओ विभाग पर उत्पीड़न और अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारी के विरुद्ध तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा से इस प्रकार का खिलवाड़ न हो. घंटो स्कूल बस आरटीओ आफिस में खाड़ी रही और अपनी गलती का अहसास होने के बाद आरटीओ विभाग ने गलती मानते हुए बस को छोड़ दिया. वहीं इस मामले में सवाल यह भी खड़ा होता है कि बेवजह बस चालकों को परेशान करने वाले अधिकारी नरेंद्र छाबड़ा पर कार्रवाई कब की जाएगी.
मुरादाबाद में RTO अधिकारी ने स्कूल बस का काटा 32500 का चालान, फिर गलती मानते हुए किया रद्द
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