Owaisi on Pakistan Terrorism: AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी विदेश में पाकिस्तानी की आतंक सरपरस्ती की पोल खोलकर भारत लौट आए हैं. वह भारतीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के तौर पर सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा पर थे. इन देशों में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के आतंकी फंडिंग पर तीखा प्रहार कर खूब सुर्खियां बंटोरी. भारत लौटने पर उन्होंने पाकिस्तान पर फिर से निशाना साधा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी का विरोध करते रहेंगे.
अच्छा रहा रिस्पॉन्स: ओवैसी
ओवैसी ने कहा, “प्रतिनिमंडल के दौरे के दौरान जिन भी देशों में गए, वहां रिस्पॉन्स अच्छा था. हमने उनको बहुत सी बातें बताई. वो लोग बहुत पॉजिटिव थे. बाहर के मुल्कों ने पूछा कि हम पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करते? इस पर ओवैसी ने कहा कि हमने उनको बताया कि 26/11 में जब हमने उनसे बात की, पठानकोट हुआ, हमने उनके आईएसआई के लोगों को बुलाया. क्या हुआ कुछ नहीं? कुछ नहीं हुआ. हमारे पास प्रूफ है, प्रूफ ये है कि पहलगाम की घटना के बाद जो ई-मेल के जरिए TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, वो दोनों ई-मेल पाकिस्तान मिलिट्री कैंटोनमेंट के आसपास से किए गए थे. इससे कैसे पाकिस्तान इनकार करेगा?”
बीजेपी की मुखालफत करते आए हैं और करते रहेंगे: ओवैसी
जब ओवैसी से पूछा गया कि विपक्ष देश में कुछ और बात कर रहा है और विदेश में कुछ और तो उन्होंने कहा, “हम बीजेपी की मुखालफत करते आए हैं और आखिरी दम तक करते रहेंगे. हम विदेश क्यों गए, हम क्या बीजेपी के लिए गए? क्या हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गए? नहीं, हम भारत देश के लिए गए. भारत की आवाज और तकलीफ को दुनिया के सामने रखने गए. हम पाकिस्तान की नापाक हरकतों को दुनिया के सामने रखने गए. किसी एक शख्स के लिए हम दूसरे देशों के दौरे पर नहीं गए.”
पाकिस्तान को FATF लिस्ट में डालने की मांग
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान में फैले आतंकवाद की जड़ वहां की अवैध वित्तीय प्रणाली है. उन्होंने MENAFATF देशों से अपील की कि वे भारत की उस कोशिश में साथ दें, जिसके तहत पाकिस्तान को फिर से FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में डाला जा सके.
पाकिस्तान की छवि खराब करने में मदद कर चुके हैं ये देश
ओवैसी ने यह भी बताया कि जिन चार खाड़ी देशों का दौरा किया गया, उन्होंने 2018 में भारत का समर्थन किया था जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल करवाया गया था. अब फिर से भारत चाहता है कि पाकिस्तान की आतंकी भूमिका को उजागर किया जाए.