भास्कर न्यूज | लुधियाना नगर निगम में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले दिनों मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर में आपसी मनमुटाव के चलते एफएंडसीसी की मीटिंग रद्द हो गई है और शहर की विकास के लिए मंजूरी होने वाले प्रस्ताव अटक चुके हैं। वहीं, अब भाजपा के 18 पार्षदों ने भी मेयर इंद्रजीत कौर पर आरोप लगाते हुए दुर्व्यवहार करने की बात कही है और शुक्रवार से ही लगातार मेयर के खिलाफ जोन-डी कार्यालय में धरना जारी है। पार्षदों का कहना है कि जब तक मेयर इंद्रजीत कौर सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांग लेती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। भाजपा के पार्षदों के धरने में एक नया रूप और देखने को मिला है। शनिवार को धरने में कांग्रेस के पार्षद महाराज सिंह राजी, पार्षद पति पंकज काका, कांग्रेस पार्षद दल के उपनेता हरजिंदरपाल लाली, गौरव भट्टी, मोनू खिंडा, विजय कलसी और शिअद से पार्षद कमलजीत अरोड़ा भी धरने में शामिल होकर मेयर के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए हैं। वहीं, दूसरी तरफ मेयर इंद्रजीत कौर का यही जवाब था कि उनकी तरफ से सारी वीडियो जारी कर दी गई हैं और वह तो खुद पार्षदों से रिक्वेस्ट करती हैं कि आराम से बैठकर बात करें। जबकि उनके सामने ही फोन पर अधिकारियों से जवाब मांगा जा रहा था। लेकिन कुछ पार्षदों ने जानबूझ कर माहौल को खराब किया है। भाजपा के धरने में जोन-डी कार्यालय शनिवार को सीनियर लीडरशिप भी शामिल हुई है और अब ये शहर का नहीं, बल्कि राजनीति में स्टेट का मुद्दा बनने जा रहा है। धरने में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा शामिल हुए थे और उन्होंने मेयर द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि जब तक मेयर इंद्रजीत कौर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगती तब तक यह धरना निर्विघ्न चलता रहेगा। भाजपा नगर निगम में आप सरकार की मनमानी को नहीं चलने देंगे। शहर का विकास करवाना और पार्षदों की समस्याओं का हल करना मेयर की प्राथमिकता है न कि पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार करना। सरकार कामों में लापरवाही और भ्रष्टचार कर रही है शिरोमणि अकाली दल के जिला प्रधान भूपिंदर सिंह भिंदा ने कहा कि सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। न सिर्फ जत्थेबंदियां, बल्कि आम जनता और चुने हुए पार्षद तक सड़कों पर धरना देने को मजबूर हो गए हैं। जनता ने पार्षदों को विकास कार्यों के लिए चुना था, लेकिन अब वे खुद सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं। अकाली दल इन जनप्रतिनिधियों के साथ मजबूती से खड़ा है। पार्टी के पार्षद भी धरनों में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से सराभा नगर की हालत पर कहा कि 3 महीने पहले बनी सड़कें पहली ही बारिश में टूट गईं। हर गली में गड्ढे, कीचड़ और गंदगी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इससे साफ है कि कामों में लापरवाही और भ्रष्टाचार कर रही है।वहीं, कांग्रेस और अकाली दल के पार्षदों काभाजपा को समर्थन देने से एक बात तो नगर निगम जोन डी में दूसरे दिन भाजपा पार्षद धरना देते हुए। साबित हो गई कि नगर निगम में आप सरकार के विधायकों का तानाशाही राज है। मेयर विधायकों के कहने पर ही सिर्फ आप पार्षदों के काम पहल के आधार पर हल करती हैं। भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल के पार्षदों को नगर निगम में मेयर कोई अहमियत नहीं देती। ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वार्ड पार्षद जनता के चुने हुए नुमांइदे होते हैं। अपने वार्ड के विकास के लिए आवाज उठाना एक पार्षद का हक है और मेयर तानाशाही रवैया अपनाकर कर उस हक को छीन नहीं सकती। उन्होंने कहा कि मेयर का ये आरोप निराधार है कि जिसमें वो भाजपा पार्षदों द्वारा एक महिला को दबाने का दोष लगा रही है। जिला प्रधान रजनीश धीमान ने कहा कि भाजपा पार्षदों ने टोकॉल में रह कर ही मेयर से बातचीत की, लेकिन जब मेयर की सिक्योरिटी ने पार्षदों के साथ गलत व्यवहार किया तो मजबूरन उनको धरना लगाना पड़ा। धरने में महामंत्री अनिल सरीन, राकेश राठौर, परमिंदर सिंह बराड़, सुभाष शर्मा, जतिंदर मित्तल, रेनू थापर, कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी, जीवन गुप्ता, पार्षद सुमन वर्मा, पार्षद दल की नेता पूनम रतड़ा, उप नेता पार्षद रोहित सिक्का, पार्षद सुनील मोदगिल, पल्लवी विनायक, पार्षद गौरव जीत सिंह गोरा, जतिंदर गोरियांन आदि मौजूद थे।
मेयर के खिलाफ भाजपा पार्षदों के साथ अकाली दल व कांग्रेस के पार्षद आए विरोध में, धरने का समर्थन किया
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