हरियाणा के नूंह जिले में लगातार बढ़ रही बूचड़खानों की संख्या मेवात की आबोहवा को बिगाड़ने का काम कर रही है। सबसे ज्यादा फिरोजपुर झिरका विधानसभा में इन बूचड़खानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे मेवात के आम जन के साथ-साथ सामाजिक संगठनों ने भी इन बूचड़खानों के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का रुख अख्तियार किया है। सोमवार को मेवात के सामाजिक संगठन के लोगों ने फिरोजपुर झिरका एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बूचड़खानों का निर्माण कार्य रोकने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अब इन बूचड़खानों के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बूचड़खाने के अवशेष खुले में फेंकने से लोगों में गुस्सा फिरोजपुर झिरका क्षेत्र के गांव मांडीखेड़ा के समीप बने अल नावेद बूचड़खाने के अवशेषों को बाहर फेंकने का मामला भी सामने आया है। लगातार सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही है जो इस इस बूचड़खाना द्वारा अवशेषों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर बाहर फेंकते समय गांव में रास्तों में बिखरे हुए देखा जा सकता है। जिससे लोगों को भयंकर बीमारियां होने का खतरा सता रहा है। इसके साथ गांव काटपुरी के समीप बने बूचड़खाने से निकलने वाले अवशेष भी खुले में फेंकने का काम किया जा रहा है। काटपुरी के समीप बने बूचड़खाने की बदबू से जहां गांव के लोगों में बीमारियां फैल रही है, वहीं करीब 10 किलोमीटर दूर तक लोग इस बदबू से प्रभावित हो रहे हैं। मेवात श्री कृष्ण की भूमि सोमवार को मेवात कारवां जन संगठन द्वारा एसडीएम लक्ष्मी नारायण को मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के नाम सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि मेवात श्री कृष्ण भगवान की भूमि है। यह क्षेत्र जहां ब्रज 84 कोस परिक्रमा में आता है, वहीं यहां से एक विशाल ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा भी निकलती है। इस पवित्र धरती को बूचड़खानों की धरती बनाने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक 50 से अधिक बूचड़खानों को यहां लाइसेंस दिया जा चुका है। बूचड़खानों से आने वाली बदबू ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। क्षेत्र के लोग नई-नई बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन बूचड़खानों पर रोक लगाई जाए। जिससे यहां हिन्दू मुस्लिम भाईचारा कायम रहे। यूपी से पलायन कर यहां आ रहे बूचड़खाने मेवात के सामाजिक कार्यकर्ता फजरूद्दीन बेशर, दीन मोहम्मद मामलीका ,मुबारक खान, सलामुद्दीन एडवोकेट सहित ऐसे दर्जन भर सामाजिक लोगों ने हरियाणा सरकार से मांग करते हुए कहा कि मेवात में जहां यूनिवर्सिटी और उद्योग धंधों की जरूरत है, वही यूपी से पलायन कर मेवात में ऐसे बूचड़खानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिससे कैंसर, दमा और सांस जैसी भयानक बीमारियां होने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बूचड़खाने की चिमनियों से लगातार प्रदूषण के साथ-साथ काफी धुआं उठता दिखाई देता है। जिससे लोगों को सांस, दमा जैसी बीमारियां सहित कैंसर जैसे भयंकर रोग होने का खतरा सताने लगा है। कई बार लोगों ने इन बूचड़खानों की शिकायत जिला प्रशासन को भेजी। लेकिन इन बूचड़खाने द्वारा लगातार बढ़ते प्रदूषण और अवशेषों पर कोई रोक लगाई नहीं गई है। जिससे सोशल मीडिया पर लगातार उनके अवशेष गांवों के रास्तों में फैले हुए वायरल हो रहे हैं। 20 से अधिक बूचड़खानों बन चुके है लोगों का कहना है कि आज मेवात में यूनिवर्सिटी और युवाओं को रोजगार देने के लिए उद्योगों की जरूरत है। लेकिन मेवात में जहां 20 के लगभग बूचड़खाने है, वहीं कई दर्जन बूचड़खाने बनने के लिए पाइप लाइन में है। जिससे अब मेवात के लोगों को डर सताने लगा है कि आने वाले समय में मेवात के बच्चे जहां पहले से ही बीमारी ग्रस्त हो रहे हैं, वही जन्म लेने वाले बच्चे भी साथ में बीमारी लेकर पैदा होंगे, क्योंकि इन बूचड़खानों ने मेवात की आबो हवा को पूरी तरह खराब कर कर रख दिया है। इनेलो नेता ने महापंचायत बुलाने का किया आवाहन इनेलो नेता हबीब हवनगर ने बताया कि बूचड़खाने वास्तव में हमारे लिए घातक और खतरनाक हैं। इसे जहां जमीन खराब हो रही है,वहीं जमीन के अंदर का पानी भी दूषित हो रहा है। बारिश के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं। जिन खुले गड्ढों में पशुओं के अवशेषों को फेंका जा रहा है,बारिश में वह आसपास के खेतों में फैल जाते हैं। यह हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लिए एक बहुत बड़ी परेशानी है। उन्होंने कहा कि वह जल्दी इस मामले को लेकर एक महापंचायत करेंगे। जिसमें सभी समुदाय के लोगों से ज्यादा ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील है विधानसभा सत्र में जोर शोर से उठाऊंगा बूचड़खाना का मुद्दा: विधायक मामन खान फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान इंजीनियर का कहना है कि अब मेवात के लोग बूचड़खानों के खिलाफ लगातार अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा सत्र में मेवात में लगातार बढ़ती जा रही बूचड़खानों की संख्या को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि इन बूचड़खानों की जगह मेवात को यूनिवर्सिटी, उद्योग धंधे और युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए फैक्ट्री खोली जाए , ताकि मेवात का विकास हो सके और मेवात के युवाओं को रोजगार मिल सके।
मेवात में बढ़ती बूचड़खानों की संख्या:बिगड़ रही क्षेत्र की आबोहवा,खुले में फेंके जा रहे अवशेष,एसडीएम को सौंपा ज्ञापन,गरमाया मुद्दा
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