जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लिए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मेहराज मलिक के पिता शम्सुद्दीन मलिक ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से गुहार लगाई है. उन्होंने कहा है कि वह अदालतों में लड़ाई जारी नहीं रख सकते और अपने बेटे को रिहा कराना चाहते हैं. सरकार के आलोचक मेहराज मलिक को सोमवार (08 सितंबर) को लोक शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर कठुआ जेल भेजा गया था.
जिस जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मलिक को गिरफ्तार किया गया है वह आमतौर पर आतंकवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है और एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि के खिलाफ इसे लगाए जाने को लेकर जम्म-कश्मीर में राजनीतिक बवाल मच गया है.
डोडा में प्रदर्शन के बाद 70 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए
डोडा में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए जिसके बाद प्रशासन ने यहां निषेधाज्ञा लागू की और प्रदर्शनकारियों व सुरक्षा बलों के बीच हुई हिंसक झड़कों में अब तक 70 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. मंगलवार से शुरू हुई इन हिंसक झड़पों में एक डीएसपी और एक थाना प्रभारी समेत आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए.
मैं अब अपना बेटा वापस चाहता हूं- शम्सुद्दीन मलिक
मुख्यमंत्री से मंगलवार को मुलाकात बाद शम्सुद्दीन ने कहा, ”मैंने अपना बेटा लोगों को दे दिया था, अब मैं उसे वापस चाहता हूं. मैं मुख्यमंत्री से मिला, जिन्होंने हमारी बात सुनी और कहा कि वे देखेंगे कि क्या कर सकते हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं बार-बार अदालतों के चक्कर नहीं लगाना चाहता. मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे उपराज्यपाल से बात करें और मेरे बेटे को रिहा करवाएं. उन्हें इसकी जांच करने दीजिए.”
‘पीएसए के तहत विधायक की गिरफ्तारी पर्सनल दुश्मनी’
उन्होंने आगे कहा, ”अदालत में यह एक लंबी प्रक्रिया है. वह अपनी चार बेटियों की देखभाल करेगा या अदालतों के चक्कर लगाएगा? उसकी मां रो रही है. उसकी चार बेटियां हैं, वे सभी रो रही हैं.” ‘उन्होंने पीएसए के तहत विधायक की गिरफ्तारी को ‘व्यक्तिगत दुश्मनी’ का परिणाम बताया. शम्सुद्दीन ने कहा, ”उपायुक्त (डीसी) इसे बेहतर जानते हैं. डीसी की वजह से मेरे बेटे पर पीएसए की कई धाराएं लगाई गई हैं. वे लोगों के मुद्दों पर एक-दूसरे से लड़ रहे थे. डीसी ने इसे निजी रंजिश बना लिया. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए और मेरे बेटे को रिहा किया जाना चाहिए.”
‘कुछ लोगों ने कार्रवाई के लिए उकसाया’
मेहराज मलिक के पिता ने ये भी कहा, ”यह मेहराज और डीसी के बीच सार्वजनिक मुद्दों को लेकर व्यक्तिगत टकराव था, लेकिन कुछ लोगों ने प्रशासन को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए उकसाया. जब एक बूढ़ी महिला मेहराज के सामने रोने लगी, तो उन्हें गुस्सा आ गया और जब इंसान गुस्से में होता है, तो वह कुछ भी कर सकता है. वे (डीसी और विधायक) लड़ रहे थे, लेकिन लोगों के एक वर्ग ने इसे मुद्दा बना लिया, जिसके परिणामस्वरूप यह कार्रवाई हुई.”
सिख भावनाएं आहत करने के आरोपों को किया खारिज
शम्सुद्दीन ने सिख भावनाएं आहत करने के आरोपों को भी खारिज किया. उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जरा जम्मू के गजनसू मरह में सिखों से पूछें जहां उसने वर्षों काम किया. सिख अधिकारियों से उसके हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं. मेरा बेटा सिखों के बीच पला-बढ़ा और उन्हीं के साथ पढ़ा-लिखा है. हमारे पड़ोसी सिख हैं. उस पर ऐसा इल्जाम लगाना गलत है.’’
उन्होंने ये भी बताया कि आप नेता संजय सिंह बुधवार को जम्मू आए थे और मैने उनसे इस संबंध में कदम उठाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पार्टी से मतलब नहीं है, मैं सिर्फ अपना बेटा चाहता हूं.’’डोडा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक मेहराज मलिक को सोमवार को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया.
‘मैंने अपना बेटा लोगों को दे दिया था, अब मैं वापस चाहता हूं’, AAP विधायक मेहराज मलिक के पिता की गुहार
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