यूपी के बलिया में सपा के विधायक और पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी ने शिवभक्त कावड़ यात्रियों के आस्था को लेकर दिए गए विवादित बयान पर यूटर्न लेते हुए सफाई दी है. विवादित बयान के सवाल पर सपा विधायक ने कहा मैंने ये नहीं कहा है, शरद यादव ने बहुत पहले पार्लियामेंट में ये व्याख्यान किया है.
उन्होंने कहा कि बड़े आईएएस, के लोग न तो सेना में जाते न किसी अनुष्ठान में जाते है. वो पढ़ कर के आईएएस, बनते है और जो शिक्षा विहीन लोग, जिसको शिक्षा से कोई मतलब नही है, जो अनपढ़ लोग है वही ज्यादा धर्मांतरण होते हैं, चाहे मुसलमान हो या हिन्दू हों मैं दोनों बिरादरी की बात कर रहा है. पूजा पाठ करेंगें वही मजार पर जाकर चादर चढ़ाएंगे वही.
क्या बोले पूर्व मंत्री जियाउद्दीन रिजवी अपने बयान पर यूटर्न लेने के बाद सपा नेता जियाउद्दीन रिजवी ने कहा, ‘यह सरकार अंधविश्वासी है. यह पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों को शिक्षा और रोजगार से हर तरह से वंचित रख रही है. अगर आस्था है तो उसे घर पर ही मनाना चाहिए. जब हम कहते हैं कि हम पूजा कर रहे हैं या नमाज पढ़ रहे हैं, तो उसे घर पर पढ़िए. जैसे योगी जी ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी थी. क्या अब नमाज नहीं हो रही है? कोरोना काल में भी लोगों ने घरों में नमाज अदा की थी.
उन्होंने आगे कहा, आस्था घर में भी पूरी श्रद्धा से निभाई जा सकती है. रही बात यात्रा की, तो उस पर कोई रोक नहीं है लोग जाएं, यात्रा करें. लेकिन हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा गया कि एक डिप्टी एसपी किसी के पैर दबा रही थीं. क्या यही लोकतंत्र है?कई मुद्दों पर बोले सपा नेताआगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘मैंने कहा था कि एक मास्टर ने एक कविता लिखी थी, जिसमें उसने ‘जीवन अर्जित करो’ की शिक्षा दी थी. उस पर एफआईआर दर्ज हो गई. एक पत्रकार ने बिहार में वोटर लिस्ट में हो रही गड़बड़ियों का वीडियो दिखा दिया उस पर भी एफआईआर कर दी गई.
आगे सवाल करते हुए उन्होंने पूछा कि ये सब क्या हो रहा है? यह एक अघोषित इमरजेंसी है. भाजपा सरकार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, उसका गला घोंटा जा रहा है.’
‘मैंने ये नहीं कहा…’ कांवड़ियों पर दिए बयान पर सपा विधायक रिजवी ने लिया यूटर्न
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