मैनचेस्टर टेस्ट के अंतिम दिन भारतीय टीम ने ऐसा जज्बा दिखाया जो क्रिकेट इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा. पहली पारी में 311 रन से पिछड़ने के बाद जब टीम इंडिया दूसरी पारी में 0 के स्कोर पर दो विकेट गंवा बैठी, तब लगा कि मैच भारत के हाथ से निकल चुका है, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने खेल का रुख ही बदल दिया. शुभमन गिल, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की जुझारू पारियों ने भारत को न सिर्फ शर्मनाक हार से बचाया, बल्कि टेस्ट को ऐतिहासिक ड्रॉ में बदल दिया. इन चारों बल्लेबाजों ने मिलकर दूसरी पारी में 401 रन ठोक दिए. इस भारतीय चौकड़ी ने कुल 44 चौके और छक्के लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाजों की कमर तोड़ दी.
युवा प्रतिभा वैभव सूर्यवंशी ने भी इन योद्धाओं की सराहना करते हुए उन्हें “वॉरियर्स” करार दिया है. उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में इन चारों की तस्वीरें शेयर की, जिसमें लिखा, “ये खिलाड़ी सच्चे योद्धा हैं.”
कौन कितना चमका?
शुभमन गिल-238 गेंदों में 12 चौकों और 1 छक्के की मदद से 103 रन
केएल राहुल- 230 गेंदों में 8 चौकों की मदद से 90 रन
रवींद्र जडेजा- 185 गेंदों में 13 चौकों और 1 छक्के की मदद से नाबाद 107 रन
वॉशिंगटन सुंदर- 206 गेंदों में 9 चौकों और 1 छक्के के साथ नाबाद 101 रन
इन चारों खिलाड़ियों की शानदार पारियों ने साबित कर दिया कि भारतीय बल्लेबाज दबाव में भी मैच को पलटने की ताकत रखते हैं.
अंतिम सेशन में देखने को मिला हाई ड्रामा
मैच के आखिरी घंटे में जो कुछ देखने को मिला वो किसी नाटक से कम नहीं था. इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने ड्रॉ भारतीय बल्लेबाजों के सामने ड्रॉ की पेशकश की, लेकिन जडेजा और सुंदर ने उनके इस प्रस्ताव को साफ-साफ मना कर दिया. उस वक्त दोनों खिलाड़ी अपने-अपने शतक के बेहद करीब थे, जडेजा 89 और सुंदर 80 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. मैच का नतीजा ड्रॉ होने के बाद भी दोनों ने बैटिंग जारी रखी और अपने-अपने शतक पूरे किए. स्टोक्स इस फैसले से काफी नाराज नजर आए, लेकिन भारतीय फैंस के लिए यह गर्व का क्षण बन गया.
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