मोतिहारी में फर्जी CBI बनकर 57 लाख रुपये की ठगी, डरा कर 10 दिनों तक किया हाउस अरेस्ट, ऐसे हुआ खुलासा

by Carbonmedia
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Motihari News: मोतिहारी में कृषि विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी को 10 दिनों तक हाउस अरेस्ट कर 57 लाख की ठगी की गई. ये फ्रॉड फर्जी सीबीआई बनकर देश की चर्चित नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नाम होने के बहाने किया गया. रिटायर कर्मचारी दिलीप कुमार को कहा गया कि वो मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल हैं. कर्मचारी का पैन कार्ड इस्तेमाल होने का भय दिखा कर साइबर ठग ने रुपये ऐठ लिए और खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर धमकी भी दी.
 
साइबर ठग पर 8 राज्यो में 21 से अधिक मामले दर्ज
 
अब इस पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया है. सीबीआई कार्यालय का फर्जी वीडियो दिखाने वाले आरोपी ठग को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस अंतरराज्यीय साइबर ठग पर कुल 8 राज्यो में 21 से अधिक मामले दर्ज हैं. दरअसल मोतिहारी निवासी कृषि विभाग के रिटायर कर्मचारी दिलीप कुमार को एक फर्जी कॉल आया था, जिसमें अपने को सीबीआई अधिकारी बताते हुए एक शख्स ने कहा कि देश के चर्चित जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग में तुम्हारा नाम आ रहा है, क्योंकि तुम्हारा ही पैन कार्ड इस्तेमाल हुआ है.
 
साथ ही सीबीआई कार्यालय का फर्जी वीडियो दिखाकर रिटायर कर्मचारी को डराया गया. वहीं फोन पर ही फर्जी अधिकारी ने जान मारने तक की धमकी दे डाली. भय में आने के बाद साइबर फ्रॉड के कहे अनुसार 2 फरवरी 2025 को दिलीप कुमार और पत्नी के बैंक खाता से 57 लाख रुपया साइबर ठग के बताए गए विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया. इसके बाद कृषि विभाग के रिटायर कर्मचारी ने मोतिहारी के साइबर थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई.
 
गिरफ्तार कर लिया गया आरोपी ठग
 
इसके बाद मोतिहारी पुलिस की जांच के अनुसार रिटायर कृषि कर्मचारी के जरिए सबसे पहले आकाश मुखर्जी कटिहार जिला निवासी के खाते में पैसे के ट्रांसफर का साक्ष्य मिला. मोतीहारी पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने मामले में साइबर एएसपी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर कटिहार निवासी आकाश मुखर्जी को गिरफ्तार करने को भेजा, जहां मोतिहारी पुलिस एवं कटिहार जिला के सहायक थाना कटिहार के सहयोग से गुरुवार (12 जून 2025) को उसे गिरफ्तार कर मोतिहारी लाया गया.
 
यहां पूछताछ के बाद शुक्रवार (13 जून) को आकाश मुखर्जी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. गिरफ्तार साइबर ठग 37 वर्षीय आकाश मुखर्जी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि बीटेक तक कि पढ़ाई करने के बाद नौकरी नहीं मिली, जिसके बाद बंगाल के एक युवक के संपर्क में आए. इसके साथ साइबर ठगी का धंधा कर कुछ पैसा आया, जिससे कटिहार में हार्डवेयर की दुकान खोलकर चला रहा हूं. 
 
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