Jammu Kashmir Full Statehood: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर मांगें तेज हो गई है. इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार (26 जून) को कहा कि पूर्ण राज्य के दर्जे पर चर्चा चल रही है, ये चर्चा होनी चाहिए, अच्छी बात है. हम तो चाहेंगे कि जल्द से जल्द इस चर्चा का खात्मा हो और जो हम मांग रहे हैं, वो हमें मिले.
इसके साथ ही सीएम ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए मोदी सरकार से मिले हालिया फंड पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि मुगल रोड के टनल की लंबे समय से मांग थी. 2008-09 में जब सड़क का काम पूरा हुआ तभी से मांग थी कि ये सड़क सभी मौसम में चालू रहना चाहिए. उसके लिए टनल बनना चाहिए. टनल को मंजूरी मिल गई है.
उन्होंने कहा, ”तंगधार को जोड़ने के लिए साधना पास पर टनल की जरूरत थी, लंबे समय से मांग थी. उसे भी मंजूरी मिली. 10 हजार 600 करोड़ रुपये दिए गए हैं, ये मामूली रकम नहीं है. गुरेज आदि में भी टनल की जरूरत है, इसके लिए हम आगे मांग करेंगे.”
अगस्त 2019 में बना था केंद्र शासित प्रदेश
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था. इसके साथ ही राज्य को दो भागों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटते हुए दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया.
इसके बाद से ही पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठती रही है. पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई मौकों पर कह चुके हैं कि सही समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर आशंका बढ़ गई, हालांकि अब एक बार फिर से इसकी मांग उठ रही है. सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस और अपनी पार्टी समेत अन्य दल ने लगातार इसकी मांग उठा रही है.
मोदी सरकार के फैसले से खुश सीएम उमर अब्दुल्ला, पूर्ण राज्य के दर्जे पर कहा- ‘हम तो चाहेंगे कि…’
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