UP News: प्रतापगढ़ में जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता, राजा उदय प्रताप सिंह को मोहर्रम के जुलूस के मद्देनजर प्रशासन ने 40 घंटे के लिए हाउस अरेस्ट कर दिया. इस कार्रवाई से नाराज उदय प्रताप सिंह ने भदरी महल से बड़ा बयान देते हुए प्रशासन और सरकार पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया. उन्होंने भारत में हिंदुओं की स्थिति की तुलना बांग्लादेश के हिंदुओं से की, जिससे सियासी माहौल गरमा गया है.
भदरी के राजा उदय प्रताप सिंह ने मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर भंडारा आयोजन पर रोक को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि प्रशासन और शासन उसी समाज का दबाव मानता है, जो दबाव डालता है. एक समुदाय की बात सुनी जा रही है, क्योंकि हिंदू समुदाय की ओर से कोई दबाव नहीं है. हमारा 10 साल पुराना भंडारा बंद कर दिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद, जब मैंने शेखपुर का गेट बंद कराया, तो प्रशासन ने मझिल गांव में 500 मीटर दूर दूसरा गेट लगाने की अनुमति दे दी. भारत में हिंदुओं का हाल बांग्लादेश के हिंदुओं जैसा हो रहा है.
मोहर्रम और भंडारा विवाद
यह विवाद 2005 से शुरू हुआ, जब शेखपुर आशिक गांव में एक बंदर की मौत के बाद वहां हनुमान मंदिर बनाया गया. इसके बाद से उदय प्रताप सिंह हर साल मोहर्रम के दिन मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ और भंडारा आयोजित करते आए हैं. 2014 में भंडारा आयोजन के दौरान मोहर्रम जुलूस के रास्ते पर होने के कारण तनाव पैदा हुआ. 2015 में मुस्लिम समुदाय के विरोध के बाद प्रशासन ने भंडारे पर रोक लगा दी. 2016 से हर साल मोहर्रम के दौरान उदय प्रताप और उनके समर्थकों को हाउस अरेस्ट किया जाता आ रहा है 2025 में भी यह कार्रवाई दोहराई गई, जिसमें उदय प्रताप सहित 13 लोगों को नजरबंद किया गया.
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना
SDM कुंडा वाचस्पति सिंह ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उदय प्रताप सिंह और 12 अन्य लोगों को 40 घंटे के लिए हाउस अरेस्ट किया गया है. जिले में 650 लोगों पर पाबंदी लगाई गई, और भदरी महल के बाहर भारी पुलिस बल के साथ ड्रोन से निगरानी की जा रही है. प्रशासन का मानना है कि एक ही दिन भंडारा और मोहर्रम जुलूस के आयोजन से सांप्रदायिक तनाव की आशंका रहती है.
उदय प्रताप का आरोप: हिंदुओं का दमन
उदय प्रताप सिंह ने प्रशासन पर एक समुदाय के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदू समुदाय दब गया है. पिछले साल जब मैंने कोर्ट के जरिए गेट बंद कराया, तो प्रशासन ने दूसरा गेट लगाने की अनुमति दे दी. यह एकपक्षीय कार्रवाई है. उन्होंने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर भी जाहिर की, जहां उन्होंने लिखा, ‘प्रशासन का समाधान है कि जो मुस्लिमों का विरोध करे, उसे गिरफ्तार कर लो. हिंदुओं का भंडारा बंद कर दिया गया, लेकिन मझिल गांव में नया गेट लगाने की अनुमति दे दी गई.’
मोहर्रम पर हाउस अरेस्ट से नाराज राजा उदय प्रताप बोले: ‘भारत में हिंदुओं की हालत बांग्लादेश जैसी’
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