यमुनानगर जिले के जगाधरी के कलेसर रेंज के फैजपुर मस्जिद के पास बराह में वन विभाग द्वारा लगाए पत्थरों के स्टड एक बरसात का पानी भी नहीं झेल पाए। लाखों रुपए की लागत से बनाए गए ये स्टड ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। बरसात के पानी के तेज बहाव को बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण स्टड दो हिस्सों में बट गए। सरकार से विजिलेंस जांच की मांग स्टड टूटने के बाद पता चला कि वन विभाग द्वारा नियम के विपरीत छोटे-छोटे पत्थर लगाकर इसे भर दिया गया था। जागरूक नागरिकों ने सरकार से मामले की विजिलेंस से जांच कराने और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हर वर्ष वन विभाग जंगलों को बाढ़ से बचाने के लिए कटाव रोकने हेतु जगह-जगह बड़े पत्थरों की मदद से स्टड लगाता है, इनकी पेचिंग की जाती है। जांच में सच्चाई आएगी सामने पहाड़ों में हुई बारिश का तेज पानी जंगल में कटाव न करे। कलेसर वन रेंज में फैजपुर मोड़ के पास बने इस स्टड के संबंध में विभाग का कहना है कि पानी का बहाव तेज था और उन्होंने खुद स्टड को तोड़कर पानी का रास्ता बनाया है। लोगों का कहना है कि वन विभाग के मंत्री और मुख्यमंत्री को एक विजिलेंस टीम बनाकर यहां जांच करानी चाहिए। सभी बाढ़ बचाव कार्यों की गहनता से जांच होने पर सच्चाई सामने आ सकती है। 50 प्रतिशत तक माइनस में टेंडर सूत्रों के अनुसार यहां किए कार्यों में 50 प्रतिशत तक माइनस में टेंडर लिए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी कम लागत पर किया गया काम कितना गुणवत्तापूर्ण हो सकता है। सरकार को इस संबंध में एक नीति बनानी चाहिए और लापरवाह अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
यमुनानगर में पत्थरों का स्टड बारिश में बहा:50 प्रतिशत तक माइनस में टेंडर, सरकार से विजिलेंस जांच की मांग
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