यमुनानगर में मानसून दस्तक दे चुका है। देर रात से जारी बारिश ने जिले में कई जगह बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए है। पानी लोगों के घरों में घुस गया, सड़कें जलमग्न हो गईं। वहीं ग्रामीण इलाकों में खेत नदी की तरह नजर आने लगे। जिले में हुई 57.14 एमएम बारिश ने शहर में मॉडल टाउन, आजाद नगर, सरोजनी कॉलोनी, तिलक नगर, कैंप,मानकपुर, जगाधरी बाजार, कोर्ट एरिया, शास्त्री काॅलोनी व चिट्टा मंदिर एरिया को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। सड़कों पर तीन से चार फुट पानी कई जगह तो सड़कों पर तीन से चार फुट तक पानी भर गया, जिस कारण वाहन उसमें फंस गए। जगाधरी बाजार में सुबह के समय पानी नदी की तरह बहने लगा और आसपास की कई दुकानों में घुस गया, जिस कारण काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश होने से यमुनानगर से होकर गुजर रही सोम नदी में जलस्तर लगातार बढ़ते हुए केपेसिटी को क्रॉस कर चुका है। इन नदी की केपेसिटी 15 हजार क्यूसेक है, लेकिन इस समय इसमें 18 से 19 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। नदी की पटरी को पार कर खेतों में घुसा पानी ऐसे में पानी नदी से ओवरफ्लो होकर नदी की पटरी से होता हुआ आसपास के खेतों में आ गया। हालांकि यह पानी घरों तक नहीं पहुंचा, लेकिन नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से खतरा बना हुआ है। ग्रामीण फिलहाल अपने स्तर पर इस पानी की निकासी का प्रबंध कर रहे हैं। पानी को एक जगह एकत्रित होने से रोकने के लिए आसपास के खेतों में छोड़ा जा रहा है ताकि यह लोगों के घरों तक मार न कर सके। इस क्षेत्र में नदी के किनारे करीब 20 गांव पड़ते हैं जोकि आने वाले समय में प्रभावित हो सकते हैं। महसूस होने लगा है खतरा ऐसे में ग्रामीण अभी से खतरा महसूस करने लगे हैं। यदि पानी का जलस्तर इसी प्रकार लगातार बढ़ता रहा तो ये सभी गांव बूरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि सिंचाई विभाग द्वारा किसी प्रकार की आपदा से बचाव के प्रबंध किए जा रहे हैं, लेकिन नदी की जलधारा में यह नाकाम साबित हो सकते हैं। छछरौली के मलिकपुर बांगर गांव के पास नदी का पानी हल्का भूमि कटाव कर किनारों को प्रभावित करने लगा है। सिंचाई विभाग द्वार नदी के किनारों पर कट्टों को लगाया गया है ताकि पानी का लेवल बढ़ने पर किनारों को कटाव से बचाया जा सके। फिलहाल घर सुरक्षित, लेकिन खतरा छछरौली थाना प्रभारी भी ने बताया कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को, इरिगेशन विभाग, एसडीएम को बताया गया है। बारिश लगातार हो रही है ऐसे में नदी में और पानी आ सकता है। फिलहाल सड़कों पर तो पानी आ चुका है, लेकिन घरों को इतना प्रभावित नहीं किया है। ग्रामीण सूरजभान का कहना है कि सिंचाई विभाग भी लगातार प्रयास कर रहा है। गांव के लोगों ने कहा कि अगर नाका टूट जाता है तो करीब 20 गांव प्रभावित हो सकते हैं। नदी के टक्कर में सीधे 20 गांव पड़ते हैं। पिछले साल आई थी बाढ़ ग्रामीण ने कहा कि अभी तक नहर में कहीं से कटाव तो नहीं हुआ है, लेकिन डर फिर भी बना हुआ है। पिछले साल इस नदी के कारण बाढ़ आ गई थी। नदी का पानी घरों में घुस गया था, जिस कारण लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। इन क्षेत्र में इतनी बारिश
यमुनानगर में बने बाढ़ जैसे हालात, घरों में घुसा पानी:उफान पर सोम नदी, 57 एमएम बारिश ने बिगाड़े हालात
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