यमुनानगर में लगातार बारिश के कारण डेंगू का खतरा बढ़ गया है। जिले में इस समय डेंगू के पांच केस हैं, जिसमें तीन बच्चे शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें हाउसहोल्ड सर्वे के तहत घर-घर जाकर जांच कर रही हैं और लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बता रही हैं। अब तक जिले में 5,754 लोगों के सैंपल डेंगू जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनमें से 129 घरों में मच्छरों का लार्वा पाया गया है। जिले में पिछले तीन चार दिनों में 80 एमएम से ज्यादा बरसात हो चुकी है, जिस कारण अधिकतर इलाकों में खाली प्लाटाें में अभी भी जलभराव है। ऐसे में प्रशासन द्वारा स्पेशल ड्यूटियां लगाकर इन इलाकाें में फोगिंग का काम शुरु कर दिया गया है। स्वास्थय विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों में सावधानी बरतें और डेंगू के प्रसार को रोकने में सहयोग करें। विभाग ने सुझाव दिया है कि लोग सप्ताह में एक दिन “सूखा दिवस” मनाएं, जिसमें घर के फ्रिज, एयर कंडीशनर, गमलों, छतों और पानी की टंकियों में जमा पानी को साफ करें। 18 वर्षीय युवक आल केमिस्ट में भर्ती इसके अलावा, आसपास जमा पानी में काला तेल डालने की सलाह दी गई है, जो लार्वा को नष्ट करने में प्रभावी है। लगातार हो रही बारिश ने डेंगू के खतरे को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ गई हैं। बारिश के कारण सार्वजनिक स्थानों और खाली प्लॉटों में जलभराव हो रहा है, जो मच्छरों के लार्वा के लिए अनुकूल वातावरण बना रहा है। हाल ही में एक 18 वर्षीय युवक, पुरुषनाथ अग्रवाल, डेंगू से संक्रमित पाया गया। उसे पंचकुला के आल केमिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने युवक के घर और आसपास के क्षेत्र में जांच की और एंटी-लारवा दवा का छिड़काव किया। स्वास्थ्य विभाग की अपील डिप्टी सिविल सर्जन मलेरिया डॉ. सुशीला सैनी ने बताया कि डेंगू का लारवा जमा पानी में पनपता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे सप्ताह में एक बार फ्रिज, एयर कंडीशनर, गमलों, छतों और हौद में जमा पानी को साफ करें। साथ ही, खुले में जमा पानी में काला तेल डालने की सलाह दी गई है। छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर डेंगू को रोका जा सकता है।
यमुनानगर में बारिश के बाद डेंगू का खतरा बढ़ा:पांच केस मिले, टीमें घर-घर जाकर कर रही जांच, सूखा दिवस मनाने की अपील
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