यमुनानगर में शराब ठेकों की ई-नीलामी प्रक्रिया में ठेकेदारों की कम रुचि के कारण अधिकांश शराब ठेके बंद हो गए हैं। 11 जून को ठेकों के संचालन की समय-सीमा समाप्त होने के बाद 12 जून की रात 12 बजे से सभी ठेके बंद कर दिए गए। इस स्थिति ने शराब खरीदने वालों को परेशानी में डाल दिया है। इस बार शराब ठेकों की नीलामी में पुराने ठेकेदारों ने हिस्सा नहीं लिया। यमुनानगर में 55 जोन में से केवल 10 जोन ही नीलाम हो पाए हैं। इस कारण सरकार को अनुमानित 403 करोड़ रुपए का नुकसान होने की संभावना है। फायरिंग और धमकी की वारदात से भागीदारी कम हाल ही में शराब ठेकों पर हुई फायरिंग की घटनाओं को भी ठेकेदारों की कम भागीदारी से जोड़ा जा रहा है, जिसके चलते उनमें भय का माहौल है। यमुनानगर के डीसी पार्थ गुप्ता और एसपी सुरेंद्र भोरिया ने ठेकेदारों को पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया था। वहीं मुख्यमंत्री ने भी सुरक्षा का एहसास दिलाया, लेकिन इसके बावजूद ठेकेदार आगे नहीं आ रहे। यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा, सरकार किसी घटना से डरी नहीं है। शराब ठेके एक निर्धारित नीति के तहत आवंटित किए जाते हैं और उसी नीति के अनुसार आगे भी काम होगा। उन्होंने कहा कि शायद 10% रेट बढ़ोतरी या अन्य कारणों से ठेकेदारों ने हिस्सा नहीं लिया।उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही नीलामी प्रक्रिया पूरी होगी। छूट मिलने पर हो सकते हैं आवंटित आबकारी विभाग ने 13 जून तक के लिए दोबारा ई-नीलामी शुरू की है। इसमें 5 करोड़ रुपए तक के जोन के लिए रिजर्व प्राइस में 5% की कमी और 5 करोड़ से अधिक के जोन के लिए 3% की कमी की गई है। विभाग को उम्मीद है कि इस छूट के बाद ठेकेदार नीलामी में हिस्सा लेंगे और ठेके आवंटित हो सकेंगे।
यमुनानगर में संचालन खत्म होते ही बंद हुए शराब ठेके:शराबी हुए परेशान, विधायक बोले- ई-नीलामी का जल्द होगा फैसला
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