यमुनानगर में पश्चिमी यमुना नहर के पास हुए हादसे के तीन दिन बाद भी लापता रादौर निवासी गीता (24), का कोई सुराग नहीं मिला है। 13 जुलाई को रेलवे पुल पर ट्रेन की चपेट में आने से दो बहनें, कविता (26) और गीता (24), नहर में गिर गई थीं। कविता का शव गोताखोरों ने उसी दिन बरामद कर लिया था, लेकिन गीता की तलाश अब तक जारी है। बारिश ने बढ़ाई सर्च ऑपरेशन की चुनौतियां लगातार हो रही बारिश के कारण नहर में पानी का बहाव तेज हो गया है, जिससे सर्च ऑपरेशन में भारी दिक्कतें आ रही हैं। गोताखोरों का कहना है कि तेज बहाव के कारण लापता व्यक्तियों के शव 200 किलोमीटर दूर तक बहकर जा रहे हैं। गोताखोर राजीव कुमार ने बताया, पिछले कुछ दिनों में नहर में बहे लोगों के शव तीन दिन बाद भी दूर-दूर तक मिल रहे हैं। ऐसे में गीता को ढूंढना बेहद मुश्किल हो रहा है। एक और लापता युवक की तलाश गीता के साथ-साथ एक अन्य लापता युवक, पारस, की तलाश भी नहर में जारी है। पारस आठ जुलाई को छोटी लाइन निवासी मुस्कान को बचाने के लिए नहर में कूदा था। मुस्कान का शव 10 जुलाई को रोहतक से मिल गया था, लेकिन पारस अभी भी लापता है। दोनों के परिजन इंद्री के पास बने हेड पर दिन-रात पहरा दे रहे हैं, उम्मीद में कि कोई सुराग मिल सके। पुलिस और गोताखोरों की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं, लेकिन मौसम और नहर के तेज बहाव ने राहत कार्यों को जटिल बना दिया है। पुलिस और प्रशासन का प्रयास यमुनानगर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन को तेज करने के लिए अतिरिक्त गोताखोरों और संसाधनों को तैनात किया है। प्रशासन ने भी परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। गोताखोर राजीव का कहना है कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मौसम की स्थिति और नहर का तेज बहाव चुनौती बना हुआ है। परिजनों का दर्द गीता और पारस के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कविता की मृत्यु ने परिवार को पहले ही गहरे सदमे में डाल दिया है, और अब गीता के लापता होने ने उनकी चिंता को और बढ़ा दिया है। परिजनों का कहना है कि वे हर पल उम्मीद के बीच जी रहे हैं।
यमुना नहर में महिला की तलाश में बारिश बनी चुनौती:तेज बहाव के कारण सर्च ऑपरेशन में रही परेशानी, हमीदा हेड पर नजर
4