यमुनानगर में प्राइवेट अस्पताल की महिला डॉक्टर द्वारा सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान पट्टी गर्भ में छोड़ने के मामले में पीड़ित पक्ष ने सिविल अस्पताल के डिप्टी सीएमओ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह अस्पताल उनकी पत्नी का है। आरोप है कि पेशेंट मेहर के सिजेरियन ऑपरेशन में आरोपी महिला डॉक्टर के साथ उसके पति डिप्टी सीएमओ भी शामिल थे। इन दोनों ने मिलकर यह ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन 13 मार्च की सुबह के समय हुआ था, जोकि 8:40 से लेकर 9:15 तक चला। ड्यूटी पर जल्दी पहुंचने के चलते की लापरवाही डिप्टी सीएमओ की सरकारी अस्पताल में अपनी ड्यूटी का समय भी हो चला। ऐसे में सिविल अस्पताल में कार्यरत डिप्टी सीएमओ ने अपनी सरकारी ड्यूटी पर 9:30 बजे जल्दी पहुंचने के चक्कर में लापरवाही बरती और सर्जिकल स्पंज(पट्टी) पेशेंट के गर्भ में ही छोड़ दी। गांव बीबीपुर वासी ओसामा ने बताया कि ऑपरेशन में उसकी पत्नी मेहर ने एक लड़के को जन्म दिया था। ऑपरेशन थिएटर से बाहर आकर डिप्टी सीएमओ ने ही इसकी सूचना परिवार को दी थी। बोला था कि- खान साहब मुबारक हो पोता हुआ है। मेहर के पति ओसामा का आरोप लगाया है कि कि डिप्टी सीएमओ ने अपनी सरकारी ड्यूटी पर जल्दी पहुंचने की हड़बड़ी में लापरवाही बरती। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डिप्टी सीएमओ का निजी अस्पताल में ऑपरेशन करना नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि यह अस्पताल उनकी पत्नी का है। CMO बोले- अभी तो सिर्फ आरोप ही हैं ओसामा का कहना है कि सरकारी पद पर रहते हुए आरोपी डिप्टी सीएमओ द्वारा प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन करना बड़ी लापरवाही और नियमों के खिलाफ था। डीसी से जिन पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है उनमें डिप्टी सीएमओ का नाम भी शामिल है। इस मामले में उक्त डिप्टी सिविल सर्जन से बात करनी चाही तो उन्होंने इस मेटर पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वहीं यमुनानगर के चीफ मेडिकल ऑफिसर(CMO) डॉ. मनजीत सिंह का कहना है कि अभी उनके पास मामले की पूरी जानकारी नहीं हैं। फिलहाल जो भी बातें हो रही हैं सिर्फ आरोप ही हैं। मामले में डीसी की तरफ से जैसे भी आदेश आएंगे उस हिसाब से जांच की जाएगी। यह था मामला यमुनानगर में एक निजी अस्पताल की महिला डॉक्टर की लापरवाही से मेहर खातून नामक मरीज के गर्भ में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान सर्जिकल स्पंज (पट्टी) छोड़ दी गई। ऑपरेशन 13 मार्च 2025 को हुआ, जिसके बाद मेहर को 15 मार्च को छुट्टी मिली। कुछ दिनों बाद दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन कराए। आरोप है कि यमुनानगर के डायग्नोस्टिक सेंटरों ने मिलीभगत कर नॉर्मल रिपोर्ट्स बनाईं। ढाई माह तक दर्द झेलने के बाद 21 मई को पंचकूला के ओजस अस्पताल में पता चला कि गर्भ में पट्टी है। 24 मई को ऑपरेशन कर आंत काटकर पट्टी निकाली गई। मंगलवार को परिजन आरोपी महिला डॉक्टर, उसके पति (डिप्टी सिविल सर्जन), दो डायग्नोस्टिक सेंटर संचालकों और मॉडल टाउन के एक अन्य प्राइवेट डॉक्टर के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर लाइसेंस रद्द करने की मांग की। पीड़ित पक्ष की शिकायत पर डीसी पार्थ गुप्ता ने पांच मेंबर की टीम बनाकर जांच कमेटी गठित कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
यमुानगर में महिला के गर्भ में पट्टी छोड़ने का मामला:आरोप- प्राइवेट असपताल में डिप्टी CMO ने किया था ऑपरेशन, सरकारी ड्यूटी पर जल्दी पहुंचने के चक्कर में की लापरवाही
12