Amitabh Bachchan New Blog: बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपने माता-पिता तेजी बच्चन और हरिवंश राय बच्चन के दिए गए ‘संस्कारों’ के लिए आभार जताया है. उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने जो अच्छी सीख और मूल्य उन्हें सिखाए, वह उनके लिए बहुत कीमती विरासत हैं. अमिताभ मानते हैं कि इन संस्कारों की वजह से ही वह आज इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं.
अमिताभ ने बताया संस्कारों का महत्वअमिताभ ने अपने ब्लॉग में ‘संस्कार’ के बारे में बात की. उन्होंने लिखा, ”हिंदू परंपरा में ‘संस्कार’ का मतलब होता है, वो खास रीति-रिवाज और विधियां, जो इंसान के जीवन में अलग-अलग मौकों पर की जाती हैं. इनका मकसद इंसान के शरीर, मन और सोच को शुद्ध करना और उनके अच्छे चरित्र और व्यक्तित्व को बनाना होता है.”
उन्होंने कहा कि संस्कार किसी इंसान के स्वभाव, सोच और व्यवहार को बनाने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं. यह संस्कार उन्हें अच्छे रास्ते पर चलने, सही और गलत में फर्क समझने, और ईमानदारी से जीने की सीख देते हैं.
संस्कार और सामाजिक एकताबिग बी ने आगे कहा, ”संस्कार एक तरीका है जिससे हमारे सांस्कृतिक मूल्य, परंपराएं और विश्वास एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचते हैं. इससे समाज में एकता बनी रहती है और हमारी परंपराएं आगे बढ़ती रहती हैं.”
उन्होंने आगे कहा कि संस्कारों की वजह से डर कम होता है, मन मजबूत होता है और जीवन को हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ जीने की ताकत मिलती है.
संस्कार सबसे बड़ी दौलतमहानायक ने कहा कि उनके माता-पिता ने संस्कारों को बहुत ज्यादा महत्व दिया. उन्होंने कहा, ”हमारे जीवन में, खासकर बचपन के दिनों में, मां और बाबूजी ने हमेशा संस्कारों को बहुत महत्व दिया. यह एक सुंदर गुण है, जो हमारे अंदर बचपन से डाला गया.”
अमिताभ बच्चन ने कहा कि संस्कार हमारे लिए सबसे बड़ी दौलत हैं, जो हमें हमारे बुजुर्गों और पीढ़ियों से सीख के रूप में मिली है. हम सब इन संस्कारों को बहुत संभालकर रखते हैं, जैसे कोई कीमती तोहफा हो.
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