Rajasthan News: कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान विश्वविद्यालय में निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी की पुलिस हिरासत की कड़े शब्दों में निंदा की है. पायलट ने कहा कि बीजेपी सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से युवाओं और छात्रों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है, जो अस्वीकार्य है. उन्होंने इसे द्वेषपूर्ण कार्रवाई करार देते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा विपक्ष को निशाना बनाना गलत है.
सचिन पायलट ने हाल ही में जोधपुर में एक युवा डॉक्टर की मृत्यु के बाद हुए आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें परिजनों और नौजवानों ने न्याय की मांग की थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में बहुत देर की. अगर पहले संवाद के जरिए समाधान निकाला जाता, तो लोगों में आक्रोश नहीं फैलता. एक सप्ताह तक धूप और बारिश में प्रदर्शनकारियों को बैठना पड़ा, जो सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है.
‘लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन’
पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने जोर देकर कहा कि धरना-प्रदर्शन करना हर जनप्रतिनिधि और नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस विपक्ष के नेताओं को टारगेट कर उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “किसी ने जानबूझकर कानून का उल्लंघन नहीं किया. अपनी बात रखना उनका दायित्व है.” उन्होंने ऐसी कार्रवाइयों को बदले की भावना से प्रेरित बताया.सरकार पर गंभीरता की कमी का आरोप
उन्होंने सरकार के कामकाज के रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि व्यवस्था में खामियां हैं और प्रशासन का लापरवाह रवैया ऐसी घटनाओं को जन्म देता है. उदयपुर की घटना और राजस्थान विश्वविद्यालय में हिरासत जैसे मामलों को उन्होंने सरकार की गंभीरता की कमी का उदाहरण बताया. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी कार्रवाइयों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
कांग्रेस ने किया पुरजोर विरोध
पायलट ने कहा कि कांग्रेस ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों का पुरजोर विरोध करेगी. उन्होंने सरकार से संवाद और समझाइश के जरिए समस्याओं के समाधान की अपील की. उन्होंने कहा कि ताकत का दुरुपयोग कर आवाज दबाना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.
‘युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश’, सचिन पायलट का भजनलाल सरकार पर हमला
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