Balrampur Chini Mills Ltd. News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश लगातार औद्योगिक निवेश के नए रिकॉर्ड बना रहा है. अब प्रदेश सरकार ने बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के साथ एक बड़ा करार किया है, जिसके तहत लखीमपुर खीरी जिले की कुंभी चीनी मिल में पॉलीलैक्टिक एसिड (PLA) बनाने वाला प्लांट लगाया जाएगा. यह प्लांट 250 टन प्रतिदिन (TPD) की उत्पादन क्षमता के साथ बनेगा और इसके लिए कंपनी की ओर से ₹2850 करोड़ का निवेश किया जा रहा है.
इस परियोजना से न केवल 225 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, बल्कि यह प्रदेश को हरित तकनीक (ग्रीन टेक्नोलॉजी) और बायोप्लास्टिक उत्पादन में भी अग्रणी बनाएगा. सोमवार को मुंबई में हुए इस समझौते (MoU) में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड की ओर से चेयरमैन विवेक सरावगी और कार्यकारी निदेशक अवंतिका सरोगी मौजूद रहे.
बायोप्लास्टिक क्या है और क्यों जरूरी है?
PLA यानी पॉलीलैक्टिक एसिड एक तरह का बायोप्लास्टिक होता है, जो शक्कर या स्टार्च जैसी जैविक चीजों से बनाया जाता है. यह प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होता और कुछ ही महीनों में अपने आप गल जाता है. पारंपरिक प्लास्टिक जहां सैकड़ों सालों तक मिट्टी में बना रहता है, वहीं बायोप्लास्टिक पर्यावरण के लिए ज्यादा अनुकूल होता है. आज पूरी दुनिया पारंपरिक प्लास्टिक से हो रहे नुकसान को देखते हुए बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक की तरफ बढ़ रही है.
इस मौके पर यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि यह करार सिर्फ एक निवेश नहीं, बल्कि प्रदेश की हरित विकास नीति और सतत औद्योगिक प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि इस प्लांट से राज्य की पहचान देश-विदेश में बायोप्लास्टिक के एक प्रमुख केंद्र के रूप में बनेगी. इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरन आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए. यह परियोजना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
क्या बोले निवेशक?
बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के अध्यक्ष विवेक सरावगी ने कहा, “हम राज्य सरकार के साथ मिलकर एक हरित और टिकाऊ भविष्य की दिशा में काम कर रहे हैं. बायोप्लास्टिक एक नई क्रांति है और हमारा प्रयास है कि हम इस क्षेत्र में अग्रणी बनें.” उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नीति, विशेषकर यूपी बायोमेडिकल एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी नीति, का मकसद है कि राज्य में पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए. राज्य सरकार ने ‘ease of doing business’ में लगातार सुधार कर देश और विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है.
यह PLA प्लांट सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के पर्यावरण-संवेदनशील और रोजगार आधारित औद्योगीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है. यह करार दिखाता है कि योगी सरकार न केवल निवेश बढ़ा रही है, बल्कि उसे हरित और सतत विकास से जोड़ भी रही है. इससे न सिर्फ लखीमपुर खीरी को फायदा होगा, बल्कि प्रदेश भर में हरित तकनीकों के लिए रास्ते खुलेंगे.
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