उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. जिसके तहत ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का काम पूरा हो चुका है. नए परिसीमन के तहत यूपी में 512 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं जबकि 11 नई ग्राम पंचायतों का गठन हुआ है. इसका मतलब है कि साल 2021 जहां इन जिलों में 58195 ग्राम प्रधान चुने गए थे वहीं इस बार 57694 ग्राम प्रधान बनेंगे. इस नए परिसीमन में प्रदेश के तीन जिलों में सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतें कम हुई हैं. ये तीन जिले हैं चित्रकूट, आजमगढ़ और देवरिया.
यूपी में ग्राम पंचायतों की संख्या कम होने की सबसे बड़ी वजह शहरी क्षेत्र का विस्तार होना है. पिछले कुछ सालों में शहरों का विस्तार हुआ है. जानकारी के मुताबिक यूपी में देवरिया में सबसे ज्यादा 64 ग्राम पंचायतें खत्म हुई हैं. दूसरे नंबर पर आजमगढ़ है यहां 49 और तीसरे नंबर पर प्रतापगढ़ जहां 46 ग्राम पंचायतें खत्म हुई हैं.
किस जिले में कितनी कम हुईं ग्राम पंचायतयूपी के अलीगढ़ जनपद में 16, अम्बेडकरनगर में 3, अमरोहा में 21, अयोध्या में 22, बलरामपुर में 7, बाराबंकी में 7, बरेली में 5, बुलंदशहर में 5, चित्रकूट में 3, एटा में 6, इटावा में 2, फर्रुखाबाद में 14, फतेहपुर में 19, गौतमबुद्ध नगर में 6, गाजियाबाद में 19, गोंडा में 22, गोरखपुर में 22 और हरदोई में 14 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं. इसके अलावा हाथरस में 1, जौनपुर में 6, खीरी में 1, कुशीनगर में 23, लखनऊ में 3, मथुरा में 9, मऊ में 26, मुजफ्फरनगर में 11, रायबरेली में 8, संतकबीरनगर में 24, शाहजहांपुर में 1, सीतापुर में 11, सोनभद्र में 8, उन्नाव में 4 ग्राम पंचायतें खत्म कर दी गईं.
11 नई ग्राम पंचायतों का गठनबहराइच में चार ग्राम पंचायतें समाप्त हुई हैं, जबकि दो नए राजस्व ग्राम बनाए गए हैं, बस्ती में दो ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है ये कोर्ट के आदेश पर किया गया है. इसके अलावा आजमगढ़, बाराबंकी, फतेहपुर, गोरखपुर, हरदोई, प्रतापगढ़ और उन्नाव में भी एक-एक ग्राम पंचायत का गठन किया गया है. बता दें कि यूपी में अगले साल अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव होने हैं.
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यूपी पंचायत चुनाव : इन जिलों में कम हुईं सीटें, 512 ग्राम पंचायतें घटीं, देखें लिस्ट
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