Monsoon In UP: बुंदेलखंड में इस वर्ष मानसून की समय पर दस्तक ने किसानों को बड़ी राहत दी है. बीते चार वर्षों से सूखा, ओलावृष्टि और असमय बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे बुंदेलखंड के किसान इस बार मानसून की शुरुआती बारिश से उत्साहित नजर आ रहे हैं. महोबा सहित पूरे क्षेत्र में बीते तीन दिनों से हो रही झमाझम बारिश ने खेतों को तर कर दिया है, किसानों की उम्मीदों को भी नई जिंदगी दे दी है.
मानसून की यह बारिश खरीफ की फसलों जैसे मूंग, उड़द, मूंगफली और तिलहन के लिए संजीवनी साबित होगी. लंबे समय बाद अच्छी शुरुआत से किसान बेहद खुश हैं और इसे ‘अमृत’ की संज्ञा दे रहे हैं. बारिश की हर बूंद को किसान खेतों में गिरता हुआ सौभाग्य मान रहा है. खेतों में नमी आने से न समय से केवल बीज बोने का कार्य शुरू हो किया जा सकेगा, बल्कि सिंचाई के लिए डीजल पर होने वाला भारी खर्च भी किसानों की जेब पर भारी नहीं पड़ेगा.
किसानों को बंधीं उम्मीद
किसान मुन्ना, राजेश, असलम, हरिहर, कमता आदि का कहना है कि अच्छी बारिश से गांवों के कुएं, तालाब और बांध भी भरने लगे हैं, जिससे रबी की फसलों के लिए भी जलस्रोतों में पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा.
यह स्थिति लंबे समय बाद बनी है जब खरीफ और रबी दोनों सीजन की फसलों को लेकर क्षेत्र के किसान एक साथ आशान्वित हैं. किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इस सकारात्मक माहौल को ध्यान में रखते हुए समय से खाद, बीज और कृषि उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करे ताकि वर्ष भर की मेहनत का उन्हें उचित लाभ मिल सके. किसानों का यह भी कहना है कि यदि इसी तरह बारिश जारी रही तो न केवल उत्पादन में वृद्धि होगी बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी.
यही नहीं विशेषज्ञों की माने तो इस बार समय से मानसून सक्रिय होने से सबसे ज्यादा राहत किसानों को मिल रही है. सिंचाई के लिए लाखों रुपए डीजल पर खर्च हो जाते थे. मानसूनी बारिश से फसल को भी प्राकृतिक लाभ मिलते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगर सबकुछ सही रहा तो काफी हदतक बुन्देलखण्ड के किसानों को इस बार राहत मिलेगी.
यूपी: बुंदेलखंड के किसानों में ख़ुशी की लहर, चार साल बाद समय पर मानसून
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