Muzaffarnagar News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल उस समय बिफर गए जब 30 वर्ष बाद बन रही नगर की रुड़की रोड से मदीना चौक की सड़क का निर्माण कार्य उन्हें नागवारा लगा. दरसअल हुआ यूं कि शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल अचानक से अपने लाव लश्कर के साथ रुड़की रोड से मदीना चौक तक पौने चार करोड़ रुपये की लागत से बन रही सड़क के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान मंत्री द्वारा पाया गया कि सड़क निर्माण कार्य की क्वालिटी से समझौता किया गया है जिसके चलते मौके पर मौजूद निर्माण खंड की जूनियर इंजीनियर मीनाक्षी से जब मंत्री जी ने सड़क के बारे में बात की तो उन्होंने भरपूर अपनी सफाई दी लेकिन मंत्री जी संतुष्ट नहीं हुई जिसके बाद सड़क को खुदवाया गया और मंत्री जी ने खुद मैटेरियल की क्वालिटी को चेक किया. जिससे नाराज मंत्री जी ने तुरंत सड़क निर्माण के कार्य को रुकवा कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने क्या बताया?मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि आज जो मार्ग पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्माणाधीन है, वह रुड़की रोड से लेकर मदीना चौक होते हुए सरवट फाटक तक जाता है. यह लगभग पौने चार करोड़ रुपये की लागत से बन रही सड़क है, जो बहुत लंबे संघर्ष के बाद स्वीकृत हुई है. पूरे पांच वर्षों के प्रयासों के बाद, जब श्री जितिन प्रसाद सड़क निर्माण मंत्री थे, तब उनसे इस परियोजना के लिए अनुरोध किया गया था. वे स्वयं साइट पर आए थे और उनके द्वारा इस सड़क को स्वीकृति दी गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भी इस परियोजना को स्वीकृति प्रदान की. उसी समय गांधी कॉलोनी में हनुमान मंदिर से भोपा अड्डे तक दूसरी सड़क भी स्वीकृत की गई थी. इन दोनों सड़कों के लिए एक बड़ी राशि स्वीकृत की गई.
आज जब मैं मौके पर निरीक्षण करने पहुंचा, तो मैंने देखा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता के साथ समझौता किया जा रहा है. जो सड़क का बेड बनाया गया है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है और उसकी गहराई भी बहुत कम है. जिस मोटाई (थिकनेस) की आवश्यकता थी, वह नहीं रखी गई है. निर्माण में मानकों के अनुरूप कार्य नहीं हो रहा है, इसलिए मैंने तुरंत अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की और काम को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया है. मैं स्वयं दोबारा भी साइट पर आऊंगा और यह सुनिश्चित करूंगा कि निर्माण कार्य बिना गुणवत्ता के समझौते के दोबारा शुरू हो.
मुख्यमंत्री योगी लापरवाही न करने के दे चुके हैं निर्देशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार अपनी प्रेस मीटिंग्स में अधिकारियों को निर्देश देते रहते हैं कि किसी भी परियोजना में गुणवत्ता से समझौता न किया जाए. इसीलिए मैंने स्वयं इस सड़क का निरीक्षण किया. यह सड़क लगभग 25-30 वर्षों के बाद पहली बार बन रही है. पहले यहां बिना बारिश के भी पांच-पांच फीट तक पानी भर जाता था. यह सड़क गांधी कॉलोनी और नई मंडी को जोड़ने वाला एक लिंक मार्ग है, जहां हमेशा जाम की स्थिति रहती है. इसलिए इस सड़क का बनना अत्यंत आवश्यक था.
लेकिन निर्माण शुरू होते ही मुझे इसकी गुणवत्ता में गंभीर खामियां नजर आईं. मैंने खुद मौके पर सड़क खुदवाकर देखी—जिस “बेड” की मोटाई 10 इंच होनी चाहिए थी, वह मुश्किल से ढाई, तीन, चार या पांच इंच की पाई गई. उसमें कोर्स सैंड भी नहीं डाली गई थी. इसके अलावा, जल निकासी की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई थी. यदि पानी की निकासी सही तरीके से नहीं होगी, तो सड़क जल्दी टूट जाएगी. नालियों की ऊंचाई भी ठीक से निर्धारित नहीं की गई है.मुझे यह देखकर बहुत निराशा हुई कि टेक्निकल अधिकारी होने के बावजूद कैसे लोग इस प्रकार की लापरवाही कर सकते हैं. यह बातें पहली नजर में ही स्पष्ट हो गईं, और निश्चित रूप से इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो भी व्यक्ति या अधिकारी गुणवत्ता से समझौता करेगा, उसे किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा.
यूपी में निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता पर उठे सवाल, मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने काम रुकवाया
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