उत्तर प्रदेश में यादव और मुस्लिम समुदाय को लेकर पंचायती राज विभाग की ओर से आदेश पत्र को लेकर आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार पर जोरदार हमला किया और इसे घोर जातिवाद और सांप्रदायिक बताया.
नगीना सांसद ने लिखा- यादव’ और ‘मुस्लिम’ समुदाय को नाम लिखकर टारगेट करते हुए ज़मीन कब्जा हटाने का सीएम योगी आदित्यनाथ के पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का यह आदेश न सिर्फ गैर- संवैधानिक है, बल्कि घोर जातिवादी और सांप्रदायिकता से भरा हुआ है.
चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी पर किया हमला
सांसद ने लिखा कि पूरी तरह राजनीति से प्रेरित यह आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 पर सीधा प्रहार करता है. साथ ही, यह कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के तहत अनुशासनहीनता है, जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि अधिकारी जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते.
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि हम यूपी के मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि अगर इस मामले में सरकार की नीयत साफ है, तो दोषी अफसरों पर सिर्फ निलंबन ही नहीं, बल्कि FIR दर्ज कर सेवा से बर्खास्तगी की कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
सीएम योगी ने रद्द किया आदेश
दरअसल आदेश पंचायती राज विभाग की ओर से दिया था. हालांकि जाति आधारित आदेश का मामला सामने आने के बाद सीएम योगी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इसे रद्द कर दिया है. वहीं संयुक्त निदेशक को भी निलंबित कर दिया गया है. सीएम योगी कहा कि सरकार की नीति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकती है.
पंचायती राज विभाग ने दिया था विवादित आदेश
बता दें पंचायती राज निदेश ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया था जिसमें प्रदेश की 57,691 ग्राम पंचायतों में जाति विशेष (यादव) व धर्म विशेष (मुस्लिम) द्वारा अवैध कब्जों से ग्राम सभा की भूमि, पोखरे, खाद गड्ढे, खलिहान, खेल मैदान, श्मशान भूमि और ग्राम पंचायत भवनों को मुक्त कराने को कहा गया था.
सीएम योगी ने साफ कर दिया कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही पूरी निष्पक्षता, तथ्यों और कानून के अनुसार होनी चाहिए, न कि जाति या धर्म के आधार पर. उन्होंने इस प्रकार की गलती की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की चेतावनी भी दी है.
सीतापुर में स्कूल मर्जर के बाद बच्चों ने छोड़ा स्कूल, परिजनों की चिंता बढ़ी, कोर्ट के फैसले पर टिकी नजर
यूपी में यादवों और मुस्लिमों पर विवादित आदेश से मचा हड़कंप, सीएम के आदेश पर अफसर सस्पेंड
1