यूपी में शातिर ठगों ने किया बड़ा खेल, बिना अफसरों के साइन के हुआ लाखों का भुगतान, जानें पूरा मामला

by Carbonmedia
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Agra News: आगरा नगर निगम का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पूरे नगर निगम प्रशासन को हिला कर रख दिया है. शातिर ठगों के द्वारा नगर निगम के अधिकारियों के फर्जी साइन कराकर कर्मचारियों को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया.
दरअसल नगर निगम कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट्स एसबीआई बैंक में है. एसबीआई बैंक भी नगर निगम परिसर में ही स्थित है जिसमें अधिकारियों के बिना स्वीकृति के कर्मचारियों को पीएफ फंड का भुगतान कर दिया गया. बड़ी संख्या में कर्मचारियों के पीएफ खाते से सैलरी अकाउंट में शातिर ठगो ने भुगतान करा दिया.
बैंक की मिलीभगत से हुआ बड़ा खेलमाना जा रहा है कि इस पूरे मामले में बैंक की मिली भगत से यह बड़ा खेल किया गया है. कई फाइल ऐसी है जिन पर सिर्फ एक ही अधिकारी के फर्जी साइन है जबकि भुगतान के लिए अन्य तीन अधिकारियों के साइन जरूरी होते हैं और सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना साइन मैच करे आखिर बैंक कैसे भुगतान कर सकती है, इस नगर निगम कर्मियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है.
मामला संज्ञान में आते ही नगर निगम के बड़े अधिकारी भी हैरान है. बताया जा रहा है कि यह खेल लंबे समय से चल रहा है जिसमें अधिकारियों को इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. मामला संज्ञान में आने के बाद अधिकारियों ने बैंक की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की है और अधिकारी बैंक पर कार्रवाई का मन बना चुके हैं. 
पूरे मामले पर क्या बोले अधिकारीइस पूरे मामले को लेकर वित्त एवं मुख्य लेखाधिकारी नगर निगम बृजेश कुमार के द्वारा जानकारी दी गई है. उनका कहना है कि हां ऐसा एक मामला संज्ञान में आया है जिसमें कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट नगर निगम में ही संचालित एसबीआई बैंक से होते हैं, नियमानुसार कर्मचारी फंड निकालने के लिए आवेदन करते हैं उसके बाद फाइल स्वीकृत होती है, इसके बाद बैंक स्वीकृत धनराशि को पीएफ अकाउंट से सैलरी अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है, अब कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनकी स्वीकृति लिस्ट यहां से नहीं भेजी गई है फिर भी भुगतान कर दिया गया है. 
वित्त एवं मुख्य लेखाधिकारी ने बताया है कि लग रहा है कि यह लंबे समय से यह खेल चल रहा है, इसकी जांच कराई जा रही है, बैंक की भी लिस्ट बनाई जा रही है, निश्चित रूप से इसमें सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि बिना नगर निगम की स्वीकृति से भुगतान नहीं किया जा सकता है, मुख्य लेखाधिकारी ने बताया है कि इस पूरे मामले में 100 प्रतिशत बैंक की लापरवाही हुई है क्योंकि बिना ऑथराइज सिग्नेचर के भुगतान नहीं होता है, प्रथम दृष्टया इसमें परीक्षण किया जा रहा है, निश्चित रूप से इसमें सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

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