यूपी में स्कूलों के मर्जर पर भड़के सपा चीफ, योगी सरकार पर बोला तीखा हमला

by Carbonmedia
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UP Politics: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी भले ही दूर हों, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी सपा में तकरार तेज होती जा रही है. दोनों पार्टियों के बड़े नेता कोई मौका नहीं छोड़ते. अब इस बार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है,उन्होंने 2027 में सरकार बदलने का दावा किया, यही नहीं भाजपा को भ्रष्टाचार, शिक्षा, बेरोजगारी महगाई जैसे मुद्दों पर घेरा. अखिलेश यादव लखनऊ में प्रेसवार्ता कर रहे थे, जहाँ उन्हने भाजपा को घेरा.
हालिया शिक्षक भर्ती अन्दोलन और प्राइमरी स्कूल बंद करने पर अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा विभाग को जानबूझकर नष्ट कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों और शिक्षकों का दर्द मेरा दर्द है. मेरे पिता नेताजी शिक्षक थे. इसलिए मेरा शिक्षकों से पारिवारिक रिश्ता है. उन्होंने दावा किया कि शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत ली जा रही है और स्कूलों में शिक्षकों के लिए आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं. अखिलेश ने डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम की आलोचना करते हुए कहा कि बिजली और अन्य समस्याओं के बीच इसे लागू करना अव्यवहारिक है. उन्होंने मांग की कि डिजिटल अटेंडेंस को हमेशा के लिए खत्म किया जाए.
शिक्षक भर्ती का मुद्दा उठाया
अखिलेश यादव ने कहा कि लगभग 2 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं, लेकिन सरकार जानबूझकर भर्ती नहीं कर रही अगर स्कूलों का विलय हुआ तो भर्ती की जरूरत ही खत्म हो जाएगी. यह गरीबों को शिक्षा से दूर करने की साजिश है. अखिलेश ने अपनी सरकार के समय शुरू की गई विद्या धन और लैपटॉप योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इनसे लाखों बच्चे स्कूल लौटे थे, लेकिन भाजपा की विभाजनकारी नीतियों ने शिक्षा को बर्बाद किया.
भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप
यही नहीं अखिलेश ने योगी सरकार पर भ्रष्टाचार और लूट को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे हमने बनाया, जोकि देश का सबसे आधुनिक हाइवे है, लेकिन भाजपा ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के मानकों को कम कर अपने ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया. उन्होंने गंगा एक्सप्रेस-वे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार केवल दिखावे के लिए काम कर रही है. उन्होंने उत्तराखंड में यूपी के एक बड़े अधिकारी के करोड़ों के कैश गायब होने को भी संकेतों में उठाया.
स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग में भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मंत्रियों और अधिकारियों के बीच लेनदेन का झगड़ा चल रहा है. अखिलेश ने डी-कंपनी और मीडिया सलाहकारों के जमीनी लेनदेन का भी उल्लेख किया, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे.
महंगाई, बेरोजगारी और आरक्षण पर हमला
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों की वजह से महंगाई और बेरोजगारी आज चरम पर पहुंचा गयी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण का पालन नहीं कर रही और निजीकरण के जरिए नौकरियां खत्म की जा रही हैं. अखिलेश यादन ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की नीतियां अंग्रेजों की डिवाइड एंड रूल की नीति से प्रेरित हैं. यह देश को बांटने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रही है.
अखिलेश ने बिजली संकट पर भी सवाल उठाए और कहा कि भाजपा ने बिजली उत्पादन नहीं बढ़ाया, फिर भी उपभोक्ताओं को महंगे बिल थमाए जा रहे हैं. अखिलेश यादव ने दावा किया कि समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो बिजली बिल आधा करेगी.
अपनी सरकार के काम गिनाए
अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो, 108 एम्बुलेंस सेवा और 1090 महिला हेल्पलाइन जैसी योजनाएं समाजवादी पार्टी की उपलब्धियां हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को उच्च मानकों के साथ दोबारा बनाएंगे और शिक्षकों की भर्ती करेंगे.
उन्होंने पीडीए को भावनात्मक नारा बताते हुए कहा कि यह समाजवादी पार्टी का सामाजिक न्याय का प्रतीक है. अखिलेश ने युवाओं और शिक्षकों से अपील की कि वे 2027 में भाजपा को हटाने के लिए एकजुट हों.
अखिलेश यादव ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज ही सबकुछ है. मैं शिक्षकों और शिक्षा मित्रों को धन्यवाद देता हूं, जो लगातार संघर्ष कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी तो शिक्षकों का सम्मान करेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी. उन्होंने जनता से अपील भी की कि वे भाजपा की नाकामियों को समझें और 2027 में बदलाव लाएं.

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