Moradabad News: बीजेपी और संघ नेताओं की संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द हटाये जाने की मांग पर पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता डॉ एस टी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर संविधान से ये शब्द हटे तो फिर से मनुवाद आ जाएगा.
इस बीच उन्होंने बिहार में वोटर लिस्टों में गड़बड़ी को लेकर भी अपनी बात रखी है और बताया है कि वोटर लिस्टों में गड़बड़ी का सिलसिला रामपुर से शुरू हुआ था जहां उन्होंने लिस्टों में हेरफेर कर चुनाव को जीत लिया था.
सपा सासंद ने क्या कहा?समाजवादी पार्टी के नेता डॉ एस टी हसन ने कहा कि ये देश पिछले दस सालों से साम्प्रदायिक देश हो रहा है और मुसलमानों के साथ भेदभाव हो रहा है अब अगर संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द हटा देंगे तो यहां फिर से मनु वाद आ जायेगा, श्रवण जाति के लोग शूद्रों को परेशान करेंगे और वही सब कुछ होगा जो पिछले दिनों आपने इटावा में देखा फिर हर बड़ा इन्सान छोटे इन्सान को दबाएगा और हर बड़ी जाति वाला छोटी जाति वालों का खून खराबा करेगा किसी का सर मुंडाया जायेगा किसी की चोटी काटी जाएगी.
डॉ एसटी हसन ने कहा आखिर ये लोग चाहते क्या हैं? देश की आज़ादी में इनका कोई योगदान नहीं था ये तो अंग्रेजों के साथ मिल कर काम रहे हैं और आज़ादी की लड़ाई नहीं लड़ी लेकिन अब देश आज़ाद हो गया है तो इन्हें वो भी बर्दाश्त नहीं है. अगर समाजवाद खत्म हुआ तो छुआ छूत और मनुवादी सोच फिर वापस आ जाएगी. ये लोग जातियों में बांट कर और छुआछूत कर के हिंदुस्तान को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं.
भाजपा पर गरजे सासंदबिहार में वोटर लिस्टों में गड़बड़ी को लेकर डॉ एस टी हसन ने कहा कि भाजपा चुनावों में साम दाम दंड भेद सब इस्तेमाल करती है इन्होने वोटर लिस्टों में गड़बड़ी की जो शुरुआत रामपुर चुनाव से शुरू की थी वो फिर कुन्दरकी और दिल्ली चुनावो में की और अब वही बिहार में कर रहे हैं अगर 5 से 7 प्रतिशत वोटरों में गड़बड़ी कर दी गयी तो वह पार्टी जीतेगी जिसने ये गड़बड़ी की है फिर ये चुनावों का ड्रामा हो क्यूं रहा है और बहुत तरीके हैं चुनाव कराने के जब वोटर लिस्टों में गड़बड़ी कर एक वर्ग के वोट कम कर देगे और दूसरे वर्ग के बढ़ा देंगे तो फिर निष्पक्ष चुनाव कहां रहा ये तो सिर्फ एक औपचारिकता रह गयी है अब आप बिना चुनाव के ही जिता दें फिर चुनाव की ज़रूरत ही क्या है.
सपा नेता ने कहा कि संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द हट जाने पर हर जगह भेदभाव होगा हिन्दू मुसलमान के बीच भेदभाव होगा हालांकि मुसलमानों के साथ तो आज भी भेदभाव हो रहा है फिर जातियों में भेदभाव होगा श्रवण जाति के लोग शूद्रों को परेशान करेंगे और फिर वही पुराना ज़माना लौट आएगा कि शुद्र श्रवणों के सामने नहीं बैठ सकता, उनके किचन में नहीं जा सकता , सुबह को उसकी शक्ल देखना पसंद नहीं करते कि दिन खराब हो जायेगा . हिंदुस्तान को ये लोग पुराने ज़माने में वापस लौटा कर ले जा रहे हैं.
‘ये शब्द हटे तो फिर से मनुवाद आ जाएगा’, दत्तात्रेय होसबोले के बयान पर बोले सपा नेता एसटी हसन
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