ये 5 उपाय कर लिए तो छू भी नहीं पाएगी लू, एक्सपर्ट ने बताए हीट स्ट्रोक से बचने के रामबाण तरीके

by Carbonmedia
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दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है. गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह न केवल बीमारियों का कारण बन रही है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है. गर्मी बढ़ने के साथ हीट स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चलते मौसम विभाग और स्वास्थ्य विभाग लगातार चेतावनियां जारी कर रहे हैं. ऐसे में हम आपको एक्सपर्ट के हवाले से ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें आजमाने पर लू आपको छू भी नहीं पाएगी.
लगातार बढ़ रहा तापमान, सावधानी जरूरी
देश के कई हिस्सों में तापमान लगातार बढ़ रहा है. दिल्ली-एनसीआर में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुच चुका है. वहीं, राजस्थान और अन्य क्षेत्रों में यह 45 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. उमस और तेज धूप के कारण लोग गर्मी से बेहाल हैं. ऐसे में घर से बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. 
कितनी गर्मी सहन कर सकता है शरीर?
हीट स्ट्रोक के खतरों और बचाव के बारे में जानकारी देने के लिए हमने आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के निदेशक और प्रोफेसर डॉ. अजय चौहान से बात की. उन्होंने बताया कि जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है और शरीर पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा नहीं कर पाता तो यह स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है. यह एक इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन है. डॉ. चौहान के अनुसार, पर्याप्त पानी न पीना और डिहाइड्रेशन हीट स्ट्रोक का प्रमुख कारण है, क्योंकि कई लोगों को प्यास का अहसास नहीं होता है.
हीट स्ट्रोक के लक्षण
डॉ. चौहान ने बताया कि अगर शरीर का तापमान बढ़ रहा है और पसीना नहीं आ रहा है तो इसका मतलब यह है कि आप हीट स्ट्रोक की चपेट में आ चुके हैं. इसमें सिरदर्द, चक्कर आना, भ्रम, या बेहोशी जैसी दिक्कतें भी होती हैं. इसके अलावा धड़कन काफी तेज हो जाती है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है. वहीं, मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी, मतली या उल्टी, त्वचा का लाल और सूखा होना जैसे लक्षण भी नजर आते हैं. हीट स्ट्रोक के शिकार हुए लोगों को तेज बुखार भी आ जाता है. 
ये तरीके आजमाएं तो छू नहीं पाएगी लू

दोपहर 12 से 4 बजे के बीच धूप में निकलने से बचें.
धूप में जा रहे हैं तो हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े, टोपी, और धूप का चश्मा पहनें.
हर 20-30 मिनट में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे.
नमक और इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय जैसे ओआरएस या नींबू पानी का सेवन करें.
पेशाब के रंग पर नजर रखें. गहरा रंग डिहाइड्रेशन का सिग्नल हो सकता है.

हीट स्ट्रोक होने पर क्या करें?

पीड़ित व्यक्ति को तुरंत छायादार या ठंडी जगह पर ले जाएं, क्योंकि यह समय बेहद अहम होता है.
पीड़ित के शरीर को गीले कपड़े से पोंछें या ठंडे पानी से स्पंज करें.
गर्दन, बगल, और जांघों के बीच आइस पैक रखें.
यदि व्यक्ति होश में है तो थोड़ा-थोड़ा ठंडा पानी पिलाएं.
पीड़ित को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं, क्योंकि गंभीर मामलों में आईसीयू की जरूरत हो सकती है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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