Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में एक और बड़ी पहल की है. सरकार अब प्रदेश के 2 लाख 35 हजार सरकारी और अर्ध सरकारी भवनों को रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम यानी छत से वर्षा जल संचयन प्रणाली से लैस करने जा रही है. अभी तक राज्य में 34 हजार से ज्यादा भवनों में यह सिस्टम लगाया जा चुका है जबकि एक लाख से अधिक भवनों में इसे जल्द ही स्थापित किया जाएगा.
यह कदम जल संकट से जूझते उत्तर प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है. खास बात यह है कि प्रदेश के 16 जिलों जैसे अयोध्या, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, बलिया, झांसी और पीलीभीतमें 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है.
लगातार गिर रहा है भूजल स्तरगौरतलब है कि उत्तर भारत के कई इलाकों में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्टों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 70% से अधिक इलाके जल संकट के खतरे की जद में आ चुके हैं. कई जिलों में गर्मियों के दौरान पीने का पानी तक मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में वर्षा जल को सहेजना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बन गई है.
सरकार का यह अभियान जलशक्ति मंत्रालय की योजना कैच द रेन 2025 के तहत चलाया जा रहा है. इसका मकसद है कि बारिश की एक-एक बूंद जमीन में समा जाए और भूजल स्तर को ऊपर उठाया जा सके. बारिश का पानी छतों से पाइप के जरिए टैंकों या सीधे जमीन के नीचे पहुंचाया जाता है. इससे पानी बर्बाद नहीं होता और प्राकृतिक तरीके से जमा होता है.
इस सिस्टम से क्या फायदा होगा?सरकार का कहना है कि इस योजना से न केवल पानी की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जल संकट से राहत मिलेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जल संरक्षण को लेकर कई बार कह चुके हैं कि पानी का एक-एक कतरा अनमोल है और इसे सहेजना हम सबकी जिम्मेदारी है.
सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन प्रणाली लगाने की यह पहल अब देशभर के लिए मिसाल बन रही है. इस दिशा में यूपी अब कई राज्यों से आगे निकल चुका है. यदि यह योजना समय पर पूरी होती है तो यह ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकती है.
योगी सरकार का जल बचाओ मिशन, सरकारी भवनों पर लगेगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
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