Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक और बड़ी पहल करते हुए राज्य को ईको टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. अब टाइगर रिजर्वों के बफर जोन में भी पर्यटक मानसून के दौरान जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे. इसके लिए ‘बफर में सफर’ नाम की नई योजना शुरू की गई है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
पर्यटन विभाग और वन विभाग की इस संयुक्त पहल के तहत प्रदेश के सोहागीबरवा, उत्तर खीरी और पीलीभीत में नए जंगल सफारी रूट विकसित किए जा रहे हैं. खास बात यह है कि पहले जहां मानसून में सफारी पर रोक लगती थी, अब बफर जोन में यह सुविधा लगातार जारी रहेगी. इससे ईको टूरिज्म को सालभर बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा.
भीरा और मोहम्मदी बनेंगे नए टूरिस्ट स्पॉट
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के भीरा और मोहम्मदी क्षेत्र में ईको टूरिज्म की नई संभावनाएं विकसित की जा रही हैं. यहां सेमराई झील, जो प्रवासी पक्षियों का बसेरा है को टूरिस्ट सर्किट में शामिल किया गया है. इसके साथ ही नेपाल सीमा से सटे कर्तनिया घाट के बफर जोन में भी जंगल सफारी की शुरुआत हो चुकी है.
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार, पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना में स्थानीय लोगों को नेचर गाइड, कैंटीन स्टाफ और खानसामा के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है. इससे न केवल उन्हें रोजगार मिलेगा बल्कि पर्यटकों को भी अच्छी सेवाएं मिलेंगी. इसके साथ ही दुधवा टाइगर रिजर्व में एक सूचना केंद्र की स्थापना की गई है, जो पर्यटकों को यहां की जैव विविधता, वन्य जीवों और पर्यावरण के बारे में जानकारी देगा.
पृष्ठभूमि में समझें योजना का महत्व
उत्तर प्रदेश में दुधवा, पीलीभीत और कतर्नियाघाट जैसे टाइगर रिजर्व पहले से ही पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं. लेकिन बारिश के दिनों में जंगल सफारी बंद होने से पर्यटन रुक जाता था. अब ‘बफर में सफर’ योजना के तहत टाइगर रिजर्वों के बफर जोन को मानसून में भी खुला रखा जाएगा, जिससे ज्यादा पर्यटक आएंगे और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश जल्द बनेगा ईको टूरिज्म का मॉडल राज्य
सरकार का मकसद है कि प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर को बचाते हुए उसे रोज़गार और पर्यटन से जोड़ा जाए. इससे एक ओर जंगल बचे रहेंगे, दूसरी ओर गांव के युवाओं को रोजगार मिलेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच और योजनाओं की वजह से उत्तर प्रदेश जल्द ही देश और दुनिया में ईको टूरिज्म के मॉडल राज्य के तौर पर पहचाना जाएगा. यह योजना पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय विकास और पर्यटन को एक साथ जोड़ने वाली एक अनूठी पहल साबित हो रही है.