बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में मंगलवार को भीड़ ने नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमला कर तोड़फोड़ की. इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर सीएम ने लिखा कि विश्व प्रसिद्ध रचनाकार, भारतीय राष्ट्रगान के रचयिता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव रबींद्रनाथ ठाकुर के बांग्लादेश स्थित पैतृक घर पर अराजक भीड़ द्वारा की गई तोड़फोड़ और लूटपाट अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है. चरमपंथ की नृशंसता और सांस्कृतिक असहिष्णुता का प्रतीक यह हमला हमारी सांस्कृतिक धरोहर व मानवता के मूल्यों पर प्रहार है.
उन्होंने लिखा कि यह घटना बांग्लादेश में बढ़ते सांस्कृतिक विरासत के प्रति असम्मान का भयावह संकेत भी है. हिंदू संस्कृति, पहचान, इतिहास और विरासत के प्रति बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की घृणा को दर्शाता यह कुकृत्य बांग्लादेश से हिंदू संस्कृति को खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है. यह कृत्य अक्षम्य है, ऐसी घटनाएं कतई स्वीकार्य नहीं हैं. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
कछारीबाड़ी’ के नाम से जाना जाता है पैतृक आवासटैगोर के पैतृक घर को ‘कछारीबाड़ी’ के नाम से जाना जाता है और बांग्लादेश सरकार ने इसे संग्रहालय के रूप में मान्यता दी हुई है. बांग्लादेश में पिछले वर्ष शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है.
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इससे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मीडिया में जारी खबरों का हवाला देते हुए कहा था कि हमले के पीछे जमात-ए-इस्लामी और हिफाजत-ए-इस्लाम का हाथ है. उन्होंने कहा था कि टैगोर बंगाल और भारतीय संस्कृति व सभ्यता के एक प्रतिष्ठित प्रतीक हैं.
पात्रा ने इस मुद्दे को न उठाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी आलोचना की और आरोप लगाया था कि वह पड़ोसी बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को वोट बैंक के तौर पर देखती हैं तथा राजनीतिक कारणों से चुप रहना पसंद करती हैं.
उन्होंने कहा था कि, ‘वह (ममता बनर्जी) वोट बैंक की राजनीति से और हम सांस्कृतिक राजनीति से प्रेरित हैं.’
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