राजपुरा की रिटायर शिक्षिका से साइबर फ्राड:मनी लांड्रिग में संलिप्तता का दिया डरावा, फर्जी कागज भेजे,डिजिटल अरेस्ट कर 74 लाख ठगे

by Carbonmedia
()

पंजाब के राजपुरा से एक रिटायर शिक्षिका से साइबर फ्राड का मामला सामने आया है। शिक्षिका को डिजिटल हाउस अरेस्ट करके ठगों ने उसके खाते से 74 लाख रुपए निकलवा लिए है। ठगों ने शिक्षिका को मनी लांड्रिंग केस में संलिप्त होने के हवाला दिया। बदमाशों ने उसे 1 महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। पीड़ित शिक्षिका की पहचान राजपुरा की 65 वर्षीय गुरशरण कौर के रूप में हुई है। 4 अलग-अलग नंबरों से आए फोन और वाट्स एप्प मैसेज
गुरशरण कौर ने पुलिस को बताया कि उनके पति गुरदीप सिंह अनाज मंडी में आढ़ती हैं। उन्हें चार अलग-अलग मोबाइल नंबरों से काल और वॉट्सऐप मैसेज आए। काल करने वालों ने खुद को सुप्रीम कोर्ट, सीबीआइ और एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) का अधिकारी बताया। उसने कई फर्जी दस्तावेज भी भेजे, जिन पर इन एजेंसियों की मुहर और लेटरहेड लगे थे। 24 अप्रैल से 26 मई तक किया डिजिटल अरेस्ट उसे 24 अप्रैल से 26 मई के तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इस दौरान ठगों ने उससे कुल 74,60,188 रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। अधिकारी के मुताबिक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के खाते से 42.5 लाख, स्टेट बैंक आफ इंडिया से 29.8 लाख रुपए और एक अन्य बैंक से 2.3 लाख रुपए ट्रांसफर किए। जैसे ही मामले की सच्चाई गुरशरण के सामने आई तो उन्होंने पटियाला के थाना साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई। साइबर सेल पुलिस ने 11 जुलाई को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 4 लाख रुपए करवाए पुलिस ने फ्रीज जांच अधिकारी एसआई बलबीर कौर मुताबिक मोबाइल नंबरों और जिन खातों में रुपए गए है उनकी जांच शुरू कर दी है। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने एक खाते में से तुरंत 4 लाख रुपए फ्रीज करवा दिए है लेकिन बदमाश 70 लाख रुपए एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर चुके है। 6 महीने पहले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल को किया था डिजिटल अरेस्ट
लुधियाना में 6 महीने पहले साइबर अपराधियों ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अधिकारी बताकर 81 वर्षीय रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 35.30 लाख रुपए से अधिक की ठगी की। आरोपियों ने सराभा नगर निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) परोपकार सिंह सिबिया को एक निजी एयरलाइन के लिए धन शोधन ( मनी लांडरिंग) का आरोप लगाकर फंसाया और उन्हें ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ का डर दिखाया। बदमाशों ने उनसे अपने खाते में धन ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला। इसी तरह का मामला 1 साल महीने पहले वर्धमान समूह के प्रमुख और पद्म भूषण पुरस्कार विजेता 82 वर्षीय एसपी ओसवाल के साथ भी हुआ है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment