राजस्थान कांग्रेस के 2 विधायकों को 11 साल पुराने मामले में सजा, क्या जाएगी विधायकी?

by Carbonmedia
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Rajasthan Politics: राजस्थान की राजधानी जयपुर में ग्यारह साल पहले सड़क जाम करने और भीड़ इकट्ठा करने के मामले में कांग्रेस पार्टी के दो विधायक बुधवार (18 जून) को दोषी करार दिए गए हैं. जयपुर की एसीजेएम कोर्ट ने शाहपुरा सीट से विधायक मनीष यादव और लाडनूं सीट के विधायक मुकेश भाकर को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोनों विधायकों को एक-एक साल की सजा सुनाई है. 
हालांकि सिर्फ एक साल की सजा होने से कांग्रेस पार्टी के इन दोनों विधायकों की विधानसभा सदस्यता को कोई खतरा नहीं होगा. पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के मुताबिक ज्यादातर मामलों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर ही विधानसभा की सदस्यता निरस्त होती है. 11 साल पुराने मामले में कोर्ट ने दोनों विधायकों और जयपुर की झोटवाड़ा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे अभिषेक चौधरी समेत 9 लोगों को दोषी करार देकर सभी को एक-एक साल की सजा सुनाई है.  
3200 रुपये का अर्थ दंडकोर्ट ने सभी दोषियों पर 3200 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. जितने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, उन सभी को दोषी करार दिया गया है और उन्हें सजा सुनाई गई है. आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 और 283 के तहत केस दर्ज किया गया था. सभी आरोपियों को दोनों ही धाराओं में दोषी करार दिया गया है. 
राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर किया था रास्ता जामपुलिस ने इस मामले में 11 अगस्त 2016 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सभी का चालान पेश किया था. इन सभी पर 13 अगस्त 2014 को राजस्थान यूनिवर्सिटी के मेन गेट के बाहर जवाहरलाल नेहरू मार्ग को जाम करने और वहां बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करने के मामले में केस दर्ज किया गया था. घटना के वक्त यह सभी यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करते थे. 
यह फैसला जयपुर महानगर प्रथम के एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट 19 की कोर्ट ने सुनाया है. अभियोजन अधिकारी कविता पिंगोलिया के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने पर उन्हें दोषी करार दिया गया और सजा का ऐलान हुआ है. 

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