हरियाणा सरकार एक फेस ऐप लांच करने जा रही है। इस ऐप के जरिए सूबे के पेंशनर और सामाजिक सुरक्षा का लाभ लेने वाले लोगों को फायदा होगा। वह इस ऐप के जरिए अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर पाएंगे। सरकार की इस ऐप का परीक्षण अंतिम चरण में है। संभावना है कि पायलट प्राजेक्ट के रूप में इसी साल अगस्त में दो जिलों पंचकूला और अंबाला में इस ऐप को लांच किया जाएगा। जिसके बाद इसे राज्य के अन्य 20 जिलों में भी लागू कर दिया जाएगा। पूरी तरह से लागू होने पर, राज्य भर में 36 लाख से ज़्यादा लाभार्थियों को इसका लाभ मिलेगा। लांच करने की ये 3 बड़ी वजहें… 1. रिकार्ड अपडेट होगा सरकार के द्वारा इस फेस ऐप को लांच करने की पहली वजह यह है कि विभागों में इसके जरिए रिकॉर्ड अपडेट होगा। वर्तमान में हरियाणा के अधिकांश विभागों का डाटा ऑनलाइन हो रहा है। सरकार चाह रही है कि इस साल के अंत तक सभी विभागों का डेटा अपडेट हो जाना जाए, इसको लेकर लगातार परिवार पहचान पत्र (PPP) और तकनीक के जरिए सरकार के जरिए आर्थिक लाभ लेने वाले लोगों का डाटा अपडेट कर रही है। 2. मरे लोगों की पहचान हटाने में मदद मिलेगी फेस ऐप लांच करने की दूसरी वजह यह है कि सरकार विभागों में दर्ज मरे हुए लोगों का डाटा अपडेट करना चाह रही है। अभी कई विभागों में ऐसे लोगों के नाम दर्ज हैं और उनके नाम से उनके परिवार के लोग सरकार से आर्थिक लाभ ले रहे हैं। फेस ऐप के लांच होने के बाद अपडेट डेटा होने से ऐसे मृत लोगों के नाम हटाने में मदद मिलेगी। 3. लाभार्थियों को नहीं लगानी होगी दौड़ सरकार के इस ऐप को लांच करने के पीछे तीसरी वजह बुजुर्ग पेंशनरों और सामाजिक-आर्थिक लाभ लेने वाले लाभ देना है। अधिकांश पेंशनर काफी बुजुर्ग हो जाते हैं, जिसके कारण उन्हें लाइफ सर्टिफिकेट के लिए तहसील और ऑफिसों की बेवजह की दौड़ लगानी पड़ती है, जिससे उन्हें परेशानी होती है। वर्तमान में परीक्षण के अंतिम चरण में चल रहे इस ऐप के जरिए लाभार्थियों को साल में दो बार घर बैठकर ही सीधे ही अपने मोबाइल फोन से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा मिलेगी। राजस्थान-तमिलनाडु में लांच हो चुका ये ऐप सर्विस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर प्रशांत पंवार ने बताया कि यह पहल राजस्थान और तमिलनाडु के समान डिजिटल कल्याण मॉडल से प्रेरित है। पंवार ने कहा, “हमने राजस्थान से प्रेरणा ली है जहां यह ऐप कल्याण लाभार्थियों की सहायता करने में अत्यधिक प्रभावी साबित हुआ है। हमारी टीम ने इस साल फरवरी में राजस्थान का दौरा किया था और तब से, हम अपने लाभार्थियों के लिए इस एप्लिकेशन को विकसित करने पर काम कर रहे हैं। हरियाणा में 22 लाख सीनियर सिटीजन हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 21.96 लाख सीनियर सिटीजन वृद्धावस्था सम्मान भत्ता प्राप्त करते हैं, 8.88 लाख विधवाएं और 2.09 लाख दिव्यांगजन भी पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, यह योजना बौनेपन से ग्रस्त व्यक्तियों, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों, निराश्रित बच्चों और दुर्लभ बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को भी सहायता प्रदान करती है। यहां पढ़िए कैसे काम करेगा ऐप… साल में दो बार लॉग इन करना होगा फेस ऐप के एक बार चालू हो जाने पर, वेरिफिकेशन के लिए उपयोगकर्ताओं को साल में दो बार लॉग इन करना होगा। जिन लोगों के पास स्मार्टफ़ोन नहीं हैं, उनके लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और स्थानीय सेवा कार्यालय पहुंच की सुविधा प्रदान करेंगे और सहायता प्रदान करेंगे। फोन नहीं होने पर सीएससी जाना होगा विभाग की एसीएस जी अनुपमा ने बताया कि जिन लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं हैं, वे स्थानीय सीएससी या ब्लॉक-स्तरीय कार्यालयों में प्रमाणीकरण के लिए इस ऐप का आसानी से उपयोग कर सकते हैं। स्थानीय सेवा कार्यालय उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि तकनीकी बाधाओं के कारण कोई भी वंचित न रह जाए।
राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में लांच होगा फेस ऐप:मोबाइल से दे सकेंगे लाइफ सर्टीफिकेट; 36 लाख को फायदा, लांच करने के 3 कारण
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