पूर्वी राजस्थान में हो रही बारिश की वजह से इस इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बरसात से कई गांव में जलभराव बड़ी समस्या बन गई है. भरतपुर में जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूर करीब आधा दर्जन गांवों में बरसात से बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं. गांव के अंदर और बाहर जलभराव से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. गांव में कई फुट तक पानी भरा हुआ है. वहीं, खेत की फसल नष्ट हो गई है.
जलभराव की वजह से गांव के लोग अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर हैं. परिजन बच्चों को गोदी और कंधों पर बैठाकर पानी को पार करते हुए स्कूल छोड़ने जाते हैं. कामकाजी लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
भरतपुर के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
भरतपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव बराखुर, नगला लोधा, केवल का नगला सहित आधा दर्जन गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं. क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश और गोवर्धन ड्रेन के द्वारा यमुना का पानी क्षेत्र में आ रहा है. जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया है और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है.
भरतपुर के कई गांवों में फसलें नष्ट
ग्रामीणों को दूसरी जगहों पर मेहनत मजदूरी कर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है क्योंकि उनकी फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाईं मगर राहत नहीं मिल सकी है. लोगों का कहना है कि गांव के अंदर और बाहर कई फुट पानी भरा हुआ है. गांव के लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. कुछ लोग बच्चों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में बैठाकर स्कूल तक पहुंचाते हैं और जब छुट्टी होती तो ट्रैक्टर ट्राली से लेकर आते हैं.
जलभराव की वजह से फैल रही हैं बीमारियां
ग्रामीणों का ये भी कहना है कि लगातार जलभराव की समस्या से बीमारियां भी फ़ैल रही हैं और जहरीले कीड़े भी निकल रहे हैं. लोगों को पानी से होकर बाजार जाना पड़ता है और अपनी गाड़ियों को गांव के बाहर ही खड़ी करनी पड़ती है. गांव के स्वास्थ्य केंद्र और सरकारी स्कूल भी पानी से भरे हुए हैं. गांव वालों के लिए निकलने के लिए भी रास्ता नहीं है.
राजस्थान के कई हिस्सों में आफत की बारिश, भरतपुर के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात, फसलें नष्ट
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