Rajasthan SI Recruitment Case: राजस्थान में साल 2021 की सब इंस्पेक्टर भर्ती में कथित तौर पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में राजस्थान सरकार ने अपना स्टैंड बदल दिया है. सरकार की तरफ से अब भर्ती को रद्द करने से फिलहाल इंकार कर दिया गया है. हाई कोर्ट में आज हुई सुनवाई में सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में अब तक 50 के करीब ट्रेनी थानेदारों समेत 100 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. फर्जीवाड़े मैं शामिल ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
सरकार की तरफ से कहा गया कि एसआईटी अब नतीजे पर पहुंची है कि वह सही और गलत तरीके से चुने गए अभ्यर्थियों में फर्क कर सकेगी, इसलिए इस स्टेज पर भर्ती को रद्द किया जाना कतई उचित नहीं होगा.
भर्ती को रद्द किए जाने से युवाओं के साथ नाइंसाफी होगी. जो लोग गलत तरीके से चयनित हुए थे, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है. उन्हें राज्य की किसी भी भर्ती में आगे शामिल होने का मौका नहीं दिया जाएगा. जितने पदों पर गलत तरीके से लोग चयनित हुए हैं, उन्हें खाली मानकर उतने पद आगे की भर्ती में जोड़ दिए जाएंगे.
सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखासरकार की तरफ से यह भी बताया गया कि बड़ी संख्या में ऐसे चयनित हैं जो दूसरी नौकरियों को छोड़कर आए हुए हैं. ऐसे में भर्ती रद्द होने से उन्हें बड़ा नुकसान होगा. राजस्थान सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखा. हालांकि भर्ती को रद्द किए जाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल करने वाले असफल अभ्यर्थियों की तरफ से सरकार के इस जवाब का विरोध किया गया. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता हरेंद्र नील व अन्य को अपना पक्ष 7 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में पेश करने को कहा है.
7 जुलाई को अगली सुनवाईयाचिकाकर्ताओं के मुख्य अधिवक्ता हरेंद्र नील की तरफ से कहा गया कि हाईकोर्ट में पिछले साल दाखिल की गई एसआईटी रिपोर्ट में भर्तियों को पूरी तरह रद्द किए जाने की सिफारिश की गई थी. कहा गया था कि इसमें इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है कि जांच में सही और गलत का फर्क कर पाना संभव नहीं है.
पुलिस हेडक्वार्टर से लेकर एडवोकेट जनरल और कैबिनेट की सब कमेटी ने भी भर्ती को रद्द किए जाने की सिफारिश की थी. उनके मुताबिक, राज्य सरकार के इस रुख से अभ्यर्थी निराश हुए हैं. वह लोग 7 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई में मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे.
कोर्ट से ही इंसाफ की है उम्मीद मामले की सुनवाई जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में हुई. भर्ती को रद्द किए जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे विकास बिधूड़ी का कहना है कि सरकार के रुख से वह निराश और हताश है. सरकार गलतियों पर पर्दा डाल रही है. इस मामले में उन्हें अब कोर्ट से ही इंसाफ की उम्मीद है.
राजस्थान में SI भर्ती रद्द नहीं, सरकार के यू-टर्न से युवाओं को झटका? कोर्ट में अपनाया नया रुख
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