Jhunjhunu Roadways Scam News: राजस्थान के रोडवेज विभाग में वेतन घोटाले का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप की स्थिति है. यह मामला सामने आने के बाद राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक सहित 24 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. राजस्थान रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई डिपो के 16 कार्मिकों के लंबे समय से अनुपस्थित रहने तथा बिना काम के वेतन उठाने की शिकायतों की जांच रिपोर्ट सामने के बाद ये कार्रवाई की गई है.
झुंझुनूं डिपो के मुख्य आगार प्रबंधक गणेश शर्मा को निलंबित कर उनके स्थान पर गिरिराज स्वामी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. झुंझुनूं रोडवेज डिपो में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.
इन पर गिरी ACB जांच की गाज
झुंझुनूं बस डिपो सेलरी घोटाले में मुख्य प्रबन्धक, प्रबन्धक (यातायात), प्रबंधक (संचालन), प्रबंधक (लेखा), प्रबंधक (प्रशासन), यातायात निरीक्षक-एक, परिचालक-11, चालक- 5, वरिष्ठ सहायक/कनिष्ठ सहायक- 2 आदि शामिल हैं.
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की अध्यक्ष शुभ्रा सिंह ने एक बयान में बताया कि प्राथमिक जांच में दोषी पाये जाने पर डिपो में कार्यरत 24 कर्मियों को निलंबित किया गया. निलंबित किए गए कार्मिकों में डिपो के मुख्य प्रबंधक, चार प्रबंधक, पांच चालक व 11 परिचालक शामिल हैं.
एसीबी की रिपोर्ट में क्या है?
एसीबी की जांच रिपोर्ट में झुंझुनूं बस डिपो के मुख्य प्रबंधक प्रबंधक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. इतना हीं नहीं, झुंझुनूं बस डिपो के पूर्व प्रबंधकों के समय से ही यह मामला जारी है. यही वजह है कि विभागीय जांच में पूर्व प्रबंधकों पर सवाल उठाए गए हैं. अब इन पूर्व प्रबंधकों पर पर भी इसकी गाज गिरने की संभावना है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राजस्थान रोडवेज के झुंझुनूं डिपो में 89 लाख रुपए से अधिक का गबन होने का मामला सामने आया था. इसकी जांच के लिए रोडवेज मुख्यालय द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय टीम का गठन किया था. 21 मई को टीम जयपुर से आई थी. करीब 11 घंटे तक गहन पड़ताल की, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए और 17 कर्मचारियों के रिकॉर्ड जब्त किए गए.
मई 2024 में इस घोटाले की शिकायत जयपुर स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज की गई थी, जिसके बाद ACB ने रोडवेज मुख्यालय को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. मुख्यालय द्वारा गठित उच्च-स्तरीय जांच समिति में संभागीय प्रबंधक अवधेश शर्मा और सहायक संभागीय प्रबंधक उमेश नागर शामिल थे.
एसीबी की जांच में सामने आया था कि झुंझुनूं रोडवेज डिपो में कार्यरत 14 कर्मचारी लंबे समय से बिना ड्यूटी पर आए वेतन उठा रहे थे. इनमें एक कनिष्ठ लिपिक, एक वरिष्ठ सहायक, दो चालक और 10 परिचालक शामिल हैं. जांच टीम ने कुल 17 कर्मचारियों के रिकॉर्ड जब्त किए थे.
झुंझुनूं डिपो के मुख्य प्रबंधक गणेश शर्मा 4 साल में दूसरी बार इस पद पर नियुक्त हुए थे. फरवरी 2024 में दोबारा कार्यभार संभाला था. उनके दोबारा कार्यभार संभालने के कुछ ही समय बाद यह शिकायत दर्ज की गई. इस डिपो में कर्मचारियों पर फर्जी हाजिरी और वेतन गबन के आरोप थे.