राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा में हिडन कैमरों द्वारा विधायकों की जासूसी किए जाने को बहुत गंभीर विषय बताया है. उन्होंने इसकी विधानसभा सदस्यों की संयुक्त समिति गठित कर जांच करवाये जाने की मांग की है.
टीकाराम जूली ने बताया कि सदन में प्रतिपक्ष वाले ब्लॉक में तीसरी आंख (हिडन कैमरों) से जासूसी किये जाने की जानकारी मिलने पर उन्होंने इस विषय को आसन के समक्ष रखा, लेकिन आसन द्वारा इस विषय पर अनभिज्ञता जाहिर किये जाने और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा इसकी जानकारी नहीं होने की बात कहने पर विषय और अधिक गम्भीर हो जाता है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और सरकार के मंत्री द्वारा इस बारे में जानकारी नहीं होने पर यह जांच का विषय है कि आखिर यह जासूसी कौन करवा रहा है और इसका नियंत्रण किसके हाथों में है.
‘250 कैमरे पहले से लगे फिर क्यों जरूरत’
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि विधानसभा कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग और सीधे प्रसारण के लिए पहले से व्यवस्था की हुई है. इसके अलावा भी विधानसभा भवन की सुरक्षा और महत्ता को देखते हुए सभी गेटों, बरामदों, गलियारों सहित प्रमुख स्थानों पर लगभग 250 से अधिक कैमरे लगे हुए हैं, फिर इतने वर्षों बाद अचानक सदन में प्रतिपक्ष वाले ब्लॉक में हिडन कैमरे लगाने की जरूरत कैसे पड़ गई. यह गम्भीर विषय है.
‘हिडन कैमरा लगाना निंदनीय’
जूली ने कहा कि सदन में कई अवसरों पर सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्य अपने दल के सदस्यों के साथ निजी और दलगत बातें भी करते हैं, जिसकी निजता बनी रहने की वे उम्मीद भी रखते हैं, लेकिन हिडन कैमरों द्वारा उनकी गतिविधियों और बातचीत पर निगाह रखना और उनकी जासूसी करना बहुत ही निंदनीय और आपत्तिजनक विषय है.
ये निजता का विषय- टीकाराम जूली
उन्होंने कहा कि यह माननीय सदस्यों की निजता से जुड़ा विषय होने के साथ ही उनके विशेषाधिकार का हनन भी है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रतिपक्ष पर हर तरह से दबाव बनाकर जनता की आवाज को सदन में उठाने से रोकने की कोशिश कर रही है.इसलिए सदन में प्रतिपक्ष वाले ब्लॉक में हिडन कैमरों द्वारा सदस्यों पर निगाह रखी जा रही है और उनकी जासूसी की जा रही है.
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष वाले ब्लॉक में लगे हिडन कैमरे? कांग्रेस बोली- ‘जासूसी कर रही सरकार’
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