Raja Raghuvanshi Murder Case Update: मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी और चर्चित हत्या कांड के शिकार राजा रघुवंशी के परिजन शुक्रवार (13 जून) को उज्जैन पहुंचे और सिद्धवट तीर्थ स्थल पर विधिपूर्वक उनका पिंडदान किया. परिजनों ने श्रद्धा और शास्त्रों के अनुसार क्रियाकर्म करते हुए राजा रघुवंशी की आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना की. इस दौरान परिवार गमगीन माहौल में नजर आया.
राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने बताया कि शुक्रवार को राजा का दसवां संस्कार था. परंपरागत विधियों के अनुसार सिद्धवट पर पिंडदान करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा, “हमारा भाई असमय दुनिया छोड़ गया. हम सभी उसकी आत्मा को शांति और मोक्ष की कामना के साथ यहां पिंडदान करने आए हैं.”
पिंडदान के बाद शिप्रा नदी में किया गया प्रवाहित
पूजन कराने वाले पंडित राजेश त्रिवेदी ने जानकारी दी कि राजा रघुवंशी की अकाल मृत्यु मानी जा रही है, इसलिए धार्मिक विधान के तहत पहले नारायण बलि और नर बलि पूजा की गई. उन्होंने बताया कि शास्त्रों में अकाल मृत्यु से मुक्ति के लिए विशेष पूजा का उल्लेख है. इसके बाद पिंडों का पूजन कर उन्हें शिप्रा नदी में प्रवाहित किया गया.
मेरी बहन दोषी हो तो फांसी की सजा मिले- गोविंद
पूजन में राजा रघुवंशी की पत्नी सोनम का भाई गोविंद भी शामिल हुआ. मीडिया से बातचीत करते हुए उसने कहा, “हम चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो. अगर मेरी बहन सोनम जांच में दोषी पाई जाती है, तो उसे कानून के मुताबिक सख्त सजा मिले. यहां तक कि फांसी भी मिलनी चाहिए. हम न्याय के पक्ष में हैं, चाहे परिणाम कुछ भी हो.”
2 जून को बरामद हुआ था राजा रघुवंशी का शव
राजा रघुवंशी का शव 2 जून को पूर्वी खासी हिल्स जिले के सोहरा इलाके में एक झरने के पास एक घाटी में मिला था. शादी के बाद राजा अपनी अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून के लिए मेघालय पहुंचे थे. 11 मई 2025 को ही राजा रघुवंशी और सोनम की शादी हुई थी. पुलिस के मुताबिक सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाह के साथ मिलकर राजा रघुवंशी की हत्या की.
राजा रघुवंशी के पिंड दान में शामिल हुए सोनम रघुवंशी के भाई, अब बोले, ‘अगर मेरी बहन…’
6