राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोले कार्तिकेय शर्मा:विनय नरवाल को दी श्रद्धांजलि, कहा- धर्म की रक्षा के लिए हिंसा जरूरी

by Carbonmedia
()

हरियाणा से राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने आपरेशन सिंदूर पर बुधवार को बहस के दौरान सदन में अपना वक्तव्य दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह नया भारत है, अब डाकिए नहीं भेजे जाते हैं। अब दुश्मन के पास मिसाइल जाती है। उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर ने सेना के साहस को पूरे विश्व को दिखाया है। यह मोदी का आत्मनिर्भर भारत है। राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने आगे कहा कि चंद लोग आपरेशन सिंदूर को लेकर देश में नकारात्मक माहौल बना रहे हैं। सब अपनी राजनीति चमकाने के लिए गलत हथकंडे अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बात रखने से पहले मैं पहलगाम हमले में अपनी जान गंवाने वाले हरियाणा के सपूत लेफ्टिनेंट विनय नारवाल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। साथ ही उन सभी निर्दोष लोगों को श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं, जिन्होंने पहलगाम में अपनी जान गंवाई। सदन विपक्ष को दिलाए भरोसा कि ऑपरेशन सिंदूर हुआ सफल उन्होंने कहा कि सदन में इस चर्चा का उद्देश्य यह नहीं है कि सरकार विपक्ष के कुछ लोगों को यकीन दिलाए कि आपरेशन सिंदूर एक बड़ा सफल अभियान रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि यह सदन मिल कर देश के वीर जवानों के हौसले और उनकी कार्यशैली को सलामी दे। आपरेशन सिंदूर के माध्यम से पूरी दुनिया को यह संदेश गया है कि राष्ट्र की संप्रभुता की तरफ जो आंख उठाकर देखेगा, उसे भारत छोड़ेगा नहीं। उन्होंने कहा कि सदन में यह बहस इंडी और एनडीए के बीच का नहीं है। यह वीरता और आतंक तथा भारत और पाकिस्तान के बीच का है। हमने अपने पड़ोसियों की ओर कई बार दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने उस हाथ को हर बार काटा। सकैड़ों बार यह सोचा कि अपने पड़ोसियों को साथ लेकर चलें ताकि इस क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि कायम रहे। लेकिन आतंक को पालने वाले उस देश को यह पसंद नहीं आई। धर्म की रक्षा के लिए हिंसा जरूरी सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है ‘अहिसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव च’। अर्थात् जब धर्म की रक्षा के लिए हिंसा आवश्यक हो, तो वह भी धर्म ही है। उन्होंने कहा कि आपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य आपरेशन नहीं था। यह एक सभ्य राष्ट्र की चेतावनी थी कि हम भगवान बुद्ध की भूमि ही नहीं बल्कि भगवान परशुराम की भूमि भी हैं। संयम ही हमारा संस्कार है। लेकिन अगर कोई हमारी शक्ति को चनौती देगा तो उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़गी। पाकिस्तान ने केवल पहलगाम की कायरता की कीमत नहीं चुकाई, बल्कि हमने सिर्फ 23 मिनट में पिछले कई दशकों में हुए आतंकवादी हमलों का बदला ले लिया, वो भी सूद समेत। उन्होंने कहा कि महज 23 मिनट में हमारे जवानों ने, हमारी सेनाओं ने जो आग बरसाई, उसने पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद की फैक्ट्री को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, जब पाकिस्तान की सेना भारत पर हमले की तैयारी करी तो हमारी सेना ने न सिर्फ रोका बल्कि उसका भी माकूल जवाब दिया और अंदर घुसकर पाकिस्तान के एअर बेस नष्ट कर दिए। इस नए युग के भारत में याचना नहीं होती, रण होता है। अब हम डोजियर नहीं भेजते, मिसाइल भेजते हैं, ड्रोन भेजते हैं। वो भी स्वनिर्मित। कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि आपरेशन सिंदूर और उसकी सफलता पर सवाल उठाने वालों को खुद से पूछना चाहिए कि जब कार्रवाई का समय आया तो उन्होंने क्या किया? जब देश आतंकवादी हमलों से जूझ रहा था, तब उन्होंने क्या किया? आज जब यह सरकार ढूंढू-ढूंढकर आतंकियों को मार रही है तो कुछ लोग सरकार के साथ खड़े होने की जगह संशय पैदा कर देश को बरगलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष यह कहता रहा कि भारत इस मुद्दे पर कुटनीतिक रूप से फेल है। जबकि सच्चाई कुछ और ही थी।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment