राधिका मर्डर: पिता पछतावा नहीं -जो हुआ सो हुआ:पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने शांत था, चुपचाप अपना जुर्म कबूल किया

by Carbonmedia
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गुरुग्राम में टेनिस प्लेयर राधिका यादव मर्डर मामले में पिता द्वारा पश्चाताप की खबरों के बीच बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की तरफ से बताया गया है कि रिमांड के दौरान या अदालत में आरोपी दीपक यादव ने कोई पश्चाताप नहीं दिखाया। अधिकारियों द्वारा पूछे जाने पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है और बस इत‌ना कहा कि जो हो गया सो हो गया। इससे पहले दीपक यादव के चचेरे भाई ने मीडिया के सामने दावा किया था कि मुलाकात के दौरान दीपक ने कहा था कि उसने कन्या वध कर दिया है। अब उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। हालांकि, पुलिस की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि आधिकारिक रूप से दिए बयान में राधिका के परिवार की तरफ से ऐसी कोई भी जानकारी नहीं दी गई। पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपी दीपक यादव पूरी तरह से शांत था। उसने किसी तरह के पछतावा या फिर सजा का डर नहीं दिखाया। उसने बिना किसी ठोस बात के ही अपनी बेटी की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस की इन्वेस्टिगेशन बिल्कुल सटीक और सही है। ऐसे में किसी और टॉपिक पर आगे बढ़ाना सही नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि जो भी परिवार के सदस्य, दोस्त या सहयोगी मीडिया या सोशल मीडिया के सामने कुछ जानकारी दे रहे हैं तो वे सामने आएं। उन्होंने सोशल मीडिया पर राधिका की बेस्ट फ्रेंड या फिर सहकर्मी बनकर जो भी वीडियो डाल रहे हैं, उनसे भी आगे आकर सही जानकारी पुलिस को देने का आग्रह किया है। तीन मिनट में बेटी को मार डाला पिता दीपक यादव ने महज 3 मिनट में टेनिस प्लेयर बेटी राधिका यादव की 4 गोलियां मारकर हत्या कर दी। इसका खुलासा घटनास्थल के विजिट करवाने और पूछताछ में आरोपी दीपक ने किया था। उसने बताया कि 10 जुलाई की सुबह बेटा धीरज घर से बाहर चला गया। घर पर मैं, बेटी राधिका और पत्नी मंजू ही थीं। राधिका किचन में खाना बना रही थी। मैं ड्राइंग रूम में गया। वहां शीशे वाली अलमारी से रिवॉल्वर निकाला। फिर सीधे किचन में आया। राधिका उस वक्त खाना बना रही थी। राधिका की पीठ उसकी तरफ थी। मैंने सीधे राधिका पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। मुझे नहीं पता कि राधिका को कितनी गोलियां लगीं। शरीर के किस-किस हिस्से में लगीं। कितनी गोलियां चलाईं, यह भी मुझे नहीं पता। गोलियां चलाने के बाद जब राधिका धड़ाम से किचन के फर्श पर गिरी तो मैं रिवॉल्वर लेकर ड्राइंग रूम में आ गया। मैं आराम से बैड पर बैठ गया। रिवॉल्वर भी मैंने वहीं रख दिया। इसमें सिर्फ तीन मिनट का वक्त लगा। इसके बाद फायरिंग की आवाज सुनकर चाचा कुलदीप यादव दौड़ा हुआ आया। जिसके बाद वह तुरंत राधिका को अस्पताल ले गए। मगर, गोली से राधिका का दिल फट गया और आंतें भी छलनी हो गईं। जिस वजह से उसकी मौत हो चुकी थी। आरोपी पिता को एक दिन के रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। पुलिस ने कहा कि कोर्ट में कहा कि रिवॉल्वर मिल गया है। आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया। इसलिए रिमांड की जरूरत नहीं है। फिलहाल दीपक यादव भौंडसी जेल में बंद है।

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