रामबाबू तिवारी बनाम भूप नारायण पाल मामले में कूदे अखिलेश यादव, दोनों डिप्टी सीएम को घेरा

by Carbonmedia
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Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में रामबाबू तिवारी की आत्महत्या के मामले में मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की भी एंट्री हो गई है. सपा चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए यूपी के दोनों उपमुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा है. 
सपा चीफ अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-बीजेपी की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में, अब कौशांबी में दो बीजेपी उप मुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं. पहले एक उप मुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए ‘पाल’ समाज के लोगों को मोहरा बनाया, फिर दूसरे उप मुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई, जो समाज इन दोनों के ‘ऊपरवालों’ को नहीं भाता है, इसीलिए पीछे से वो भी सक्रिय हो गये, जिनकी पहलेवाले उप मुख्यमंत्री से पुरानी खींचातानी है. और फिर इन ऊपरवालों के ऊपरवालों की भी आपस में टकराहट है, इसीलिए केंद्रवाले, कौशांबी की राजनीति करनेवालों के साथ खड़े हैं.”
अखिलेश यादव ने आगे लिखा-“ध्यान से समझा जाए तो ये बीजेपी की अंदर की राजनीति में मचा एक बड़ा घमासान है, जिसमें दो या दो से अधिक समाजों को आपस में भिड़वाकर ‘कौशांबी, लखनऊ, दिल्ली’ की बीजेपी राजनीति अपना वीभत्स खेल-खेल रही है, जिसका शिकार जनता हो रही है. इस लड़ाई में वो भी कूद पड़े हैं जिनका समाज ‘सत्ता सजातीय’ राजनीति का विशेष रूप से शिकार है और लगातार सत्ता के निशाने पर है, जिसके कारण दूसरे उप मुख्यमंत्री अपने समाज पर हो रहे अत्याचार और अपमान पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सुविधाजनक चुप्पी साधे बैठे हैं.”
अब जनता बहुत चौकन्नी और जागरूक है- अखिलेश यादव
सपा चीफ ने कहा-“कौशांबी के मामले में उनको लगा कि जब वो कुछ सक्रियता दिखाएँगे तो शायद सत्ता द्वारा निरंतर उत्पीड़ित व अपमानित किये जा रहे उनके अपने समाज में वो मुँह दिखाने लायक बन जाएंगे. सच तो ये है कि बीजेपी को जनता या किसी समाज की कुछ नहीं पड़ी है, सब अपनी-अपनी खो चुकी जमीन की संभावना फिर से तलाशना चाहते हैं लेकिन अब जनता बहुत चौकन्नी और जागरूक है, वो बीजेपी की विभाजनकारी नकारात्मक राजनीति को अब और पनपने नहीं देगी.” 
उन्होंने लिखा-“‘शीर्ष बीजेपी’ और ‘शिखर बीजेपी’ के आपसी झगड़े के कारण, हर वर्ग और समाज बीच में पिस रहा है. सच्चाई तो ये है कि समाज को बांटना और लड़ाना ही बीजेपी की पुरानी साजिशाना सियासत रही है, जिसे उन्होंने उन अंग्रेजों से सीखा है, जिनका उन्होंने हमेशा साथ दिया था. कौशांबी बीजेपी के अन्याय का शिकार है. बीजेपी से हर वर्ग और समाज को अब और भी सचेत व सतर्क रहना पड़ेगा, नहीं तो ये बीजेपी समाजों के बीच आग लगाकर अपनी सियासी रोटी सेंकने में लगे रहेंगे, एक को फंसाकर आत्महत्या पर मजबूर करेंगे तो दूसरे पर इनाम घोषित करवाएँगे. कौशांबी का बच्चा-बच्चा जानता है कि सच क्या है.” 
हर पीड़ित-उत्पीड़ित बीजेपी को हराने-हटाने के लिए लामबंद है
अखिलेश यादव ने लिखा-“बीजेपी राजनीति को इस स्तर पर ले जाएगी किसी ने सोचा भी न था. अब जनता, बीजेपी की बँटवारे की इस राजनीति को समझ रही है और समझदारी से इनके खिलाफ एकजुट हो रही है. यही कारण है कि जहाँ भी कुछ लोग और समाज बीजेपी के विरुध्द जाते दिखते हैं ये बीजेपी उनके बीच झूठे आरोप-प्रत्यारोप और एफआईआर-मुकदमों की दीवार खड़ी कर देते हैं. बीजेपी के सियासी षड्यंत्र का मुकाबला समाज की एकता ने देना शुरू कर दिया है. इसीलिए हर पीड़ित-उत्पीड़ित बीजेपी को हराने-हटाने के लिए लामबंद हो गया है. बीजेपी की नाइंसाफ़ी हारेगी.”

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