राव इंद्रजीत बोले-मुख्यमंत्री पद गोदी में पड़े तो ही बनूंगा:सैनी CM लेकिन चलती मनोहर वाले बाबुओं की; हुड्‌डा से नाराजगी की वजह बताई

by Carbonmedia
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हरियाणा में गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने कहा कि अगर गोद में पड़ेगी तो ही मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते पूरे प्रदेश के काम कराए लेकिन जननेता नहीं बन पाए। राव इंद्रजीत ने खुद को सबसे बड़ा जनाधार वाला नेता बताया। एक निजी पॉडकास्ट के दौरान राव इंद्रजीत ने खुलकर उनसे जुड़े सवालों के जवाब दिए। राव इंद्रजीत ने यहां तक कहा कि CM नायब सैनी हैं लेकिन मुख्यमंत्री के ऑफिस में अभी भी मनोहर लाल के टाइम के बाबुओं की ही चल रही है। राव ने केंद्र में कैबिनेट के बजाय राज्य मंत्री बनाए जाने पर कहा कि इसकी टीस तो है लेकिन मेरे काम हो जाते हैं। इस दौरान राव ने मुख्यमंत्रियों ने मनमुटाव से लेकर कांग्रेस नेता पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा से हुई नाराजगी की भी वजह बताई…। केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की 10 अहम बातें… 1. नायब सैनी CM लेकिन चल खट्‌टर की टर्म वाले अफसरों की रही
राव इंद्रजीत ने कहा- हरियाणा में मनोहर लाल खट्‌टर का प्रभाव अभी भी बरकरार है। उनके टाइम में चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) के अंदर बाबू लोग हैं, बड़े-बड़े अफसर हैं, अभी तक उनकी चलती है। पार्टी ने आज के टाइम नायब सैनी के ऊपर सोचा है, नायब सैनी को सौंपा हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जवान आदमी है और यह खुद धीरे धीरे अपने पैरों पर खड़े होकर अपने मन से दिमाग से सोच कर के हरियाणा के हित के फैसले लेंगे। 2. मनोहर लाल ने काम कराए लेकिन जन नेता नहीं बन पाए
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल उसे उनकी बनी या नहीं बनी यह अलग बात है, लेकिन उन्होंने सारे हरियाणा में बराबर काम करवाया, लेकिन उनकी जन नेता बनने की उम्मीद नहीं बन पाई। जाटों की वोट उन्हें नहीं मिल पाई। 3. कुछ नेताओं को मेरा सीधे BJP जॉइन करना अच्छा नहीं लगा
राव इंद्रजीत ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह से रिश्तों के सवाल पर कहा- प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही मैंने सीधे पार्टी जॉइन की थी। इसलिए हो सकता है कि हरियाणा के कुछ नेताओं को मेरा इस तरह सीधे पार्टी जॉइन करना अच्छा नहीं लगा। 4. मैं सबसे ज्यादा जनाधार वाला व्यक्ति हूं
राव इंद्रजीत ने कहा- मुझसे शायद वे कंपीटिशन समझते हैं, आप मानें या न मानें, लेकिन हरियाणा में सबसे ज्यादा जनाधार वाला व्यक्ति हूं। इसलिए लोग मुझसे कतराते हैं कि कहीं इंद्रजीत को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी न सौंप दें। इस सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि मेरी लड़ाई तो हो जाती है, लेकिन मैं जो सार्वजनिक काम उठाता हूं तो वो काम हो जाते हैं। इन कामों में भी वे ये सोचते हैं कि राव इंद्रजीत को श्रेय न मिले। 5. मुझे छेड़ने पर अनबन होती है, इसलिए मुख्यमंत्रियों से नहीं बनी
मुख्यमंत्रियों से रिश्तों में खटास होने के सवाल पर राव इंद्रजीत ने कहा- मेरे साथ किसी की भी अनबन शुरुआत में नहीं हुई। मगर, जिस पार्टी या सदस्य की मदद में मेरा योगदान लिया जाता है, वही मेरी तरफ से दी ताकत को मेरे खिलाफ इस्तेमाल करता है, तो मेरे कैरेक्टर में ये नहीं है कि मैं चुपचाप बिल में छुप जाऊ। फिर मुझे भी सामने आना पड़ता है तो मेरी अनबन हो जाती है। इसलिए मेरी कई मुख्यमंत्री से नहीं बनी। 6. CM का ताज कांटों भरा, इसके लिए नहीं लड़ूंगा
राव इंद्रजीत ने कहा- मुझे निजी तौर पर कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। मैं चीफ मिनिस्टर वाली भागदौड़ नहीं करना चाहता। चीफ मिनिस्टर वाला ताज कांटों भरा होता है। मैं तो सिर्फ इंसाफ पसंद आदमी हूं। इलाके के साथ इंसाफ हो, जिन लोगों ने साथ दिया हैं, उनके साथ इंसाफ हो, तो उसके लिए तो मैं किसी भी हद तक जाने को तैयार हूं। चीफ मिनिस्टर की लड़ाई नहीं, चीफ मिनिस्टरी गोद में पड़ जाएगी तो ले लूंगा, नहीं तो कोई बात नहीं। 7. उदारता से कुछ नहीं मिला, हर प्रोजेक्ट के लिए संघर्ष किया
राव इंद्रजीत ने कहा- इस क्षेत्र के लिए जिन नेताओं ने संघर्ष किया, उनमें एक मैं भी हूं। अगर मैं संघर्ष नहीं करता तो न सेंट्रल यूनिवर्सिटी मिलती, न सैनिक स्कूल मिलता और न ही एम्स मिलता। एम्स का तो अनाउंसमेंट होने के बाद भी ऐसा जबरदस्त माहौल बना दिया कि यह बन ही नहीं सकता। सेंट्रल यूनिवर्सिटी को रोहतक ले जाया जा रहा था तो मैं मंत्री अर्जुन सिंह से मिला और कहा कि रोहतक में तो पहले से ही यूनिवर्सिटी बनी बनाई है। हमारे यहां कुछ नहीं है। कुछ तो कर दो, हमारे क..ख..ग..घ.. लिखने शुरू हो जाएंगे। तब अर्जुन सिंह ने आकर तमाम प्रेशर के बावजूद केंद्रीय यूनिवर्सिटी दी। 8. केंद्रीय मंत्री पद नहीं मिला पर बात सुन ली जाती है
दूसरे नेताओं को कैबिनेट पोर्टफोलियो मिलता है, आपको राज्य मंत्री का दर्जा मिलता है?, इस सवाल पर राव इंद्रजीत ने कहा- इसमें कोई शक की बात नहीं, जो मेरे से जूनियर थे वे मेरे बराबर मिनिस्टर बना दिए, जो बराबर के थे, वो मेरे से सीनियर मिनिस्टर बना दिए, लेकिन अगर मुझे टीस थी भी तो मुझे इस चीज का तो भरोसा था कि जब में इनके पास जाता हूं तो मेरी बात बाईज्जत सुन ली जाती है। इसलिए मैं उसे नजरअंदाज कर देता हूं। 9. बेटी को 2 बार टिकट नहीं मिला, अब खुद देकर मंत्री बनाया
राव इंद्रजीत ने बेटी आरती राव को लेकर कहा- हमने सारी जिंदगी लड़कर लोगों के सारे काम कराए हैं। मैंने बेटी के लिए दो बार टिकट मांगा, लेकिन नहीं मिला। इस बार पार्टी ने खुद टिकट दिया और खुद ही मंत्री बना दिया। मैंने टिकट नहीं मांगी। मैं अपने इलाके के लिए लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति हूं। 10. हुड्‌डा के पास काम लेकर गया, मुझे इंतजार कराया
भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा से अनबन पर राव इंद्रजीत ने कहा- मैं अपने एरिया के काम लेकर भूपेंद्र हुड्‌डा के पास गया था, विनोद शर्मा भी आए थे। मुख्यमंत्री रहते हुड्‌डा ने उसके काम करवा दिए। मैं वहां आधा-पौने घंटे सामने बैठा रहा। मेरे को बुलाया और वह उठ कर के दरवाजे की तरफ चल दिए। मैंने उसे रोका और कहा कि भूप्पी मेरे भी काम है। उसने अफसर को कहा कि इनके बारे में बाद में चर्चा करते हैं। मैं गया था अपना समझ कर, लेकिन जो मेरे साथ सलूक किया गया, दोबारा जाने का मतलब नहीं था।

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