राहुल गांधी आज हरियाणा आएंगे:11 साल बाद संगठन बनाने की रखेंगे नींव, गुटबाजी खत्म करने पर होगा फोकस

by Carbonmedia
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज हरियाणा आ रहे हैं। राहुल के इस दौरे को सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि कांग्रेस संगठन को 11 साल बाद नए सिरे से खड़ा करने की पहली कड़ी माना जा रहा है। राहुल गांधी चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप से मिलकर गुटबाजी खत्म करने और संगठन को मजबूत करने का रोडमैप देंगे। दरअसल, राहुल गांधी के इस दौरे के करीब एक महीने बाद हरियाणा कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नई नियुक्तियां होने की संभावना भी है। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में 22 पर्यवेक्षक पहले ही तैनात किए जा चुके हैं। राहुल गांधी आज इन्हीं पर्यवेक्षकों से भी मीटिंग कर फीडबैक लेंगे। राहुल को रिसीव करने पहुंचेंगे हुड्डा-सैलजा
राहुल गांधी सुबह साढ़े 11 बजे चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां कांग्रेस के तमाम बड़े नेता राहुल गांधी को रिसीव करेंगे। रिसीव करने कांग्रेस प्रभारी बीके हरि सिंह, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा, सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला पहुचेंगे। इसके बाद राहुल चंडीगढ़ कांग्रेस कार्यालय जाएंगे। यहां कांग्रेस के संगठन से जुड़े 17 सीनियर नेताओं के साथ बैठक करेंगे। राहुल गांधी बैठक में कांग्रेस नेताओं को गुटबाजी खत्म कर हरियाणा में एक होकर लड़ने का मंत्र देंगे। बताया जा रहा है एक सख्त मैसेज वह तमाम बड़ी लीडरशिप को दे सकते हैं। इसके बाद वह हरियाणा में लगाए गए कांग्रेस के 22 पर्यवेक्षकों के साथ बैठक करेंगे और उनको संबोधित करेंगे। 35 से 55 वर्ष के बीच होंगे जिलाध्यक्ष
कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के लिए मापदंड तय किए गए हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने के लिए उम्र 35 से 55 वर्ष होनी चाहिए। इसके अलावा 5 साल लगातार संगठन में काम करने का अनुभव भी होना चाहिए। साफ छवि और किसी भी तरह की गुटबाजी से दूर रहने वालों को ही पर्यवेक्षक तरजीह देंगे। जहां एक से ज्यादा वर्कर जिलाध्यक्ष की दौड़ में होंगे, वहां आपसी चर्चा कर पैनल तैयार करवा वोटिंग के जरिए चुनाव करवाए जाएंगे। गुटबाजी खत्म करने पर रहेगा राहुल गांधी का फोकस
राहुल गांधी का हरियाणा आकर तमाम लीडरशिप के साथ बैठक करने का मकसद गुटबाजी को खत्म करने का रहेगा। इसके अलावा जो वर्कर गुटबाजी के कारण पार्टी छोड़कर चले गए उनको वापस पार्टी में लाने का प्रयास भी किया जाएगा। बता दें कि 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस में चल रही गुटबाजी राहुल गांधी के सामने आई थी। राहुल गांधी प्रचार के दौरान हरियाणा आए तो मंच पर ही नेता एक दूसरे से झगड़ते दिखे थे। राहुल गांधी ने अंबाला के नारायणगढ़ में सैलजा और हुड्‌डा के हाथ मिलवाकर गुटबाजी खत्म करने का संकेत भी दिया था, मगर गुटबाजी कम होने के बजाय बढ़ती चली गई। हार के बाद राहुल ने बुलाई थी मीटिंग
हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी की पीड़ा उभरकर सामने आई थी। राहुल गांधी ने हार के बाद दिल्ली में समीक्षा मीटिंग बुलाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इस मीटिंग में राहुल राहुल गांधी ने कहा था कि चुनाव हारने की वजह ये है कि हरियाणा के नेताओं के इंटरेस्ट (हित) पार्टी इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। हरियाणा में महज 0.85% वोट कम मिले, लेकिन सीटें BJP से 11 कम
गुटबाजी ने कांग्रेस की लुटिया कैसे डुबोई, इसका पता इस बात से चलता है कि विधानसभा में कांग्रेस और BJP के वोटों का अंतर महज 0.85% था। भाजपा को 39.94% तो कांग्रेस को 39.09% वोट मिले। हालांकि, सीटों के लिहाज से भाजपा के 48 के मुकाबले कांग्रेस 37 सीटों पर रह गई। इस पर मंथन हुआ तो यही पता चला कि आपसी खींचतान से सारा खेल बिगड़ा। 2019 के मुकाबले भाजपा के पक्ष में 3.45% वोट स्विंग हुआ तो कांग्रेस की तरफ यह 11.01% था।

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