करनाल में घरौंडा के पासी कॉलोनी में गंदे नाले के साथ लगती एक गली में बना एक मकान बीते एक महीने से लगातार जुआघर के तौर पर इस्तेमाल हो रहा था। यह मकान पासी कॉलोनी निवासी विजय का है, जिसे रिंकू नामक शख्स ने किराए पर ले रखा था। प्रतिदिन दर्जनों बाइकों और कारों का जमावड़ा इलाके में देखा जा रहा था, जिससे कॉलोनी के लोग परेशान थे। लोगों ने कई बार मकान मालिक विजय से यह अड्डा हटवाने की अपील की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। रोज शाम 7 बजे के बाद वाहन गलियों में लग जाते थे, जिससे लोगों को अपने ही घरों से बाहर निकलने में परेशानी होती थी। सीएम फ्लाइंग ने एक साथ 55 जुआरियों को दबोचा
2 जुलाई की रात करीब 11 बजे सीएम फ्लाइंग की करनाल, पानीपत और सोनीपत से आई टीमों ने दो चरणों में रेड की। पहले एक टीम जुआरी बनकर अंदर घुसी, फिर दूसरी टीम ने छापा मारा। मौके से 12 लाख रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 6 बाइक, 6 कारें, एक डमी पिस्टल, शराब-बियर की बोतलें और खाने के बड़े टिफिन बॉक्स मिले। जुआघर में फर्श पर गद्दे और तकिए बिछाए गए थे, और चार-पांच नौकर खाना-पीना परोस रहे थे। लेकिन अब मुख्य आरोपी रिंकू घरौंडा पुलिस की पकड़ से बाहर है आरोपी ने कोर्ट में अंतरिम जमानत भी लगाई थी। लेकिन शनिवार को उसे जमानत भी नहीं मिल पाई। रिंकू पर पुलिस के नाम पर 1.5 करोड़ रूपये महीना एकत्रित करने व सट्टे का अड्डा चलाने के आरोप। सुबह 7 बजे तक चलता था जुआ
आज जब दैनिक भास्कर की टीम घरौंडी पासी कॉलोनी स्थित उस मकान पर पहुंची तो वह मकान अब बंद पड़ा हुआ था, गली में कोई भी व्यक्ति नहीं दिखा। इस दौरान आसपास के लोगों से जब बात करना चाही तो कोई भी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ, लेकिन इतना जरूर बताया की रोजना यहां पर शाम 7 बजे गाड़ियां आनी शुरू हो जाती थी और सुबह 7 बजे तक गाड़ियों का आना जाना लगा रहा था। जुआरियों को मिलती थी सारी सुविधाएं, रिंकू करता था पूरा इंतजाम
डीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि इस पूरे जुए के अड्डे का मास्टरमाइंड रिंकू है, जो मूल रूप से घरौंडा का निवासी है, लेकिन वर्तमान में करनाल में रहता है। रिंकू ही लोकेशन तय करता था, शराब-बियर और खाने-पीने की हर चीज का इंतजाम करवाता था। सूत्रों की मानें तो रिंकू हर दिन के लिए एक जुआरी से 50 हजार रुपये वसूलता था, जिससे वह महीने में डेढ़ करोड़ रुपये तक कमाता था। रिंकू के पकड़े जाने के बाद ही अन्य आरोपियों के नाम का खुलासा हो पाएगा। पुलिस और रिंकू की सेटिंग की चर्चाएं, अग्रिम जमानत की फिराक में है रिंकू
जानकारी के अनुसार रिंकू का काम केवल अड्डा चलाना नहीं था, बल्कि पुलिस से सेटिंग भी वही करता था। यह पैसा इस बात के नाम पर लिया जाता था कि पुलिस नहीं आएगी। इसी सेटिंग की वजह से स्थानीय पुलिस को इस अड्डे की भनक तक नहीं लगी। अब खबर है कि रिंकू अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर काट रहा है। रेड के वक्त 10 हजार की चाल पर चल रहा था खेल
रेड के दौरान पुलिस ने देखा कि जुआ खेलने की चाल 10 हजार रुपये की थी। जैसे ही ताश बांटे गए, एक जुआरी ने 10 हजार की चाल बोल दी और उसके बाद बाकी लोगों ने अपनी-अपनी चाल लगानी शुरू कर दी। तभी सीएम फ्लाइंग की टीम ने अंदर घुसकर सभी को दबोच लिया। जुआरियों में करनाल, पानीपत, यूपी और उत्तराखंड के लोग भी शामिल
पकड़े गए जुआरियों में करनाल, पानीपत, घरौंडा के अलावा यूपी और उत्तराखंड के भी लोग शामिल थे। सभी की उम्र 35 से 55 साल के बीच की है। ये लोग आराम से बैठकर शराब पार्टी और खाने के साथ जुआ खेल रहे थे। डीएसपी ने उठाए स्थानीय पुलिस पर सवाल
सीएम फ्लाइंग के डीएसपी सुशील कुमार ने इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अड्डा बार-बार लोकेशन बदलता रहता था-कभी पानीपत, कभी बाबरपुर, तो कभी घरौंडा। इस खुलासे के बाद स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं कि आखिर उन्हें इतने बड़े जुआघर की जानकारी क्यों नहीं मिली। चार आरोपियों को लिया गया रिमांड पर, लेकिन नहीं मिला कोई सुराग
पकड़े गए 55 लोगों में से घरौंडा निवासी विजय, अभिषेक, रविंद्र और राकेश को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया। इनसे रिंकू के बारे में पूछताछ की गई, लेकिन पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला। सभी आरोपियों को 4 जुलाई को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
रिंकू करनाल में चलाता है निजी अस्पताल
सूत्रों की मांने तो रिंकू पिछले करीब 10 साल से ज्यादा एक्टिव हुआ है। पहले उसका नाम छोटे मोटे लडाई झगड़ों में आता था। करीब 5 साल पहले उसने करनाल में निजी अस्पताल खोला जिसको ये अभी चला रहा है। सूत्रों की मांने तो इस समय रिंकू करोड़ों की संपति का मालिक है। मुख्य आरोपी रिंकू की तलाश जारी, दो टीमें गठित
थाना प्रभारी दीपक कुमार ने बताया कि सभी आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है और अब मुख्य आरोपी रिंकू की तलाश के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। रिंकू के पकड़े जाने के बाद ही इस पूरे नेटवर्क का बड़ा खुलासा हो पाएगा। रिंक पर पहले भी कई आपराधिक मामले मारपीट के दर्ज है। अभी शांति, लेकिन सवाल बाकी
रेड के बाद इलाके में फिलहाल शांति है और लोग सीएम फ्लाइंग की कार्रवाई से राहत महसूस कर रहे हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस की भूमिका और रिंकू जैसे नेटवर्क ऑपरेटर की पकड़ से बाहर होने के चलते मामला अब भी कई सवालों के घेरे में है।
रिंकू घरोंडा को कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम जमानत:पुलिस के नाम पर 1.5 करोड़ रूपये महीना एकत्रित करने व सट्टे का अड्डा चलाने के आरोप
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