सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बी. आर. गवई ने शुक्रवार (24 जुलाई, 2025) को कहा कि वह अपनी सेवानिवृत्ति के बाद परामर्श और मध्यस्थता का कार्य करेंगे और कोई सरकारी पद स्वीकार नहीं करेंगे. वह अमरावती जिला एवं सत्र न्यायालय में दिवंगत टी.आर. गिल्डा मेमोरियल ई-लाइब्रेरी के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.
चीफ जस्टिस गवई ने कहा, ‘मैंने पहले भी कई मौकों पर घोषणा की है कि 24 नवंबर के बाद मैं कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा. मैं परामर्श और मध्यस्थता का कार्य करूंगा.’ बता दें कि चीफ जस्टिस गवई 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.
पिता की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए चीफ जस्टिस
गवई ने अमरावती स्थित अपने पैतृक गांव दारापुर में अपने पिता, केरल और बिहार के पूर्व राज्यपाल आर.एस. गवई की समाधि पर शुक्रवार (24 जुलाई, 2025) को श्रद्धांजलि अर्पित की. चीफ जस्टिस अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने गांव में पिता की पुण्यतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
गवई ने दारापुर गांव के रास्ते पर बनने वाले भव्य द्वार की शुक्रवार को आधारशिला भी रखी. प्रवेश द्वार का नाम आर.एस. गवई के नाम पर रखा गया है, जिन्हें प्यार से दादासाहेब गवई कहा जाता था.
गांव में चीफ जस्टिस का हुआ जोरदार स्वागत
इससे पहले, सीजेआई के गांव पहुंचने पर लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. चीफ जस्टिस ने ये फैसला कर लिया है कि वो रिटायरमेंट के बाद कोई भी सरकारी पद धारण नहीं करेंगे, बल्कि वे अपने परिवार और अपने गृह क्षेत्र को अधिक समय देना चाहते हैं.
14 मई को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के पद की शपथ लेने वाले बी.आर. गवई दूसरे दलित चीफ जस्टिस हैं. साल 2003 में वह कुछ समय के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से भी जुड़े थे और साल 2019 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदभार संभाला था.
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