शुभेंदु शुक्ला | अमृतसर भगतांवाला डंप कूड़े का पहाड़ हटाने को इको इंफ्रा टेक कंपनी ने डिजिटल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) सर्वे का काम पूरा करा लिया है। वहीं अब टीमें रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हैं कि भगतांवाला डंप में कितना कूड़ा पड़ा हुआ है। वहीं 7 अगस्त से पहले मशीनरी सेटअप का काम भी पूरा कर लिया जाएगा। फिलहाल, टेंडर के फाइनल वर्कऑर्डर को लेकर कागजी कार्रवाई की जा रही है जो एक अगस्त तक पूरा हो जाएगी। इसके बाद ही कंपनी मशीनें लानेऔर सेटअप लगाने का काम शुरू करेगी। बता दें कि 15 माह में 11 लाख टन कूड़ा खत्म करने का टेंडर इको इंफ्रा टेक कंपनी को मिला है। डेली करीब 74 हजार टन कूड़ा हटाना होगा, यदि प्रोसेसिंग का काम इससे कम हुआ तो टेंडर के मुताबिक निर्धारित समय में पूरा नहीं हो पाएगा। डीजीपीएस सर्वे के जरिए डिजिटल प्वाइंट-टू-प्वाइंट मार्क करके चीजों को बताता है कि कितनी ऊंचाई-गहराई पर है। जिसके बाद एक ग्राफ बन जाता है। फिर उसका वॉल्यूम (मात्रा) निकाला जाता है। कितने एरिया में कितना कूड़ा है, यह सारी जानकारी भी निकल जाती है। इस सर्वे के लिए जो मशीन आती है, उसकी कीमत करीब 8 से 9 लाख रुपए होती है। मशीन को लगाने के बाद 7-8 जगह बेंच मार्क कर दिया जाता है। लेवल सेट करके डिमार्किंग करते चले जाते हैं। फिर यह ग्राफ बना देता है। इसके बाद कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर होता है। डेंसिटी से वाल्यूम को मल्टीपल कर लिया जाता है। फिर सारी डिटेल निकलकर आ जाती है। खास बात यह है कि इस सर्वे में महज डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। फिलहाल, सर्वे की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद मशीनरी सेटअप लगाकर तेजी से बायोरेमिडेशन का काम शुरू कराया जाएगा। कंपनी ने 15 माह में 11 लाख टन कूड़ा खत्म करने का टेंडर लिया है। वर्कऑर्डर होने के बाद डंपिंग साइड पर कोई भी मुश्किल आती है तो इसके लिए कंपनी जिम्मेदार होगी। हालांकि निगम अफसरों की ओर से जो भी सहयोग होगा किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो मशीनरी सेटअप लगाने के लिए निगम अफसरों-कंपनी द्वारा ड्राइंग तैयार करने का काम चल रहा है। यह काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बीते 27 मई को निगम ने बायोरेमिडेशन का टेंडर निकाला था। जिसकी मिनिमम प्राइस 46.34 करोड़ रुपए रखी गई थी। इको स्टेन इन्फ्रा कंपनी ने सबसे कम 36.53 करोड़ रुपए की सबसे कम बोली लगाकर टेंडर अपने नाम किया था। अब कंपनी जल्द ही काम शुरू देगी।
रिपोर्ट तैयार करने में जुटी टीमें, 7 अगस्त से पहले बायोरेमिडेशन के लिए मशीनरी का सेटअप लग जाएगा
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