भास्कर न्यूज | लुधियाना गिल टू पटवारखाने में तब्दीलनामा के एवज में 8 हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने के आरोप में शुक्रवार को स्थानीय निवासियों ने धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जमीन पर नकदी रखकर पटवारी और राजस्व कर्मियों के खिलाफ नारे लगाए। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए लोगों ने कहा कि आम जनता को छोटे-छोटे कामों के लिए शोषण झेलना पड़ रहा है। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रदीप लाला ने बताया कि गजेंद्र शर्मा और ऋषभ ने अपनी रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेजों में तब्दीलनामा कराने के लिए संबंधित दफ्तर से संपर्क किया था। जानकारी लेने के बावजूद उन्हें कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला। आरोप लगाया गया कि पटवारी ने सीधे तौर पर आठ हजार रुपये की मांग की। जब काम समय पर नहीं हुआ तो लोगों ने विरोध जताने का फैसला लिया। लोग 8 हजार रुपये की नकदी लेकर पटवारखाने पहुंचे और राशि को जमीन पर रखकर विरोध दर्ज करवाया। प्रदर्शन में गौरव, निक्का, लक्की, प्रिंस, शिंदा, जयराम, जग्गा, गुरप्रीत सिंह, हरदेव और नवजोत सिंह सहित कई लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि बिना घूस दिए कोई भी काम आगे नहीं बढ़ता और आम आदमी को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि गर्मी के मौसम में घंटों कतार में लगने के बावजूद अधिकारी नदारद रहते हैं और जनता को खाली हाथ लौटना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पारदर्शिता के आदेश के बावजूद निचले स्तर पर कोई सुधार नहीं हो रहा। एडवोकेट रविंद्र रावत ने कहा कि पटवारखानों में निजी व्यक्ति कार्यरत हैं, जो सरकारी रिकॉर्ड तक पहुंच रखते हैं। उन्होंने सवाल किया कि इन प्राइवेट कर्मचारियों को वेतन कौन दे रहा है और कैसे संवेदनशील रिकॉर्ड उनके हाथों में हैं। उन्होंने बताया कि कई पटवारखाने निजी इमारतों में चल रहे हैं, जिससे सरकारी दस्तावेज असुरक्षित हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रशासन उच्च स्तरीय जांच कराए, भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और पटवारखानों में व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।
रिश्वत मांगने के आरोप में निवासियों ने गिल टू पटवारखाने के बाहर धरना दिया
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