भारत पाकिस्तान तनाव के दौरान रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 ने पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइलों को मार गिराया. देश के सुरक्षा कवच के रूप में काम करने वाले इस सिस्टम को लेकर भारत में मिशन के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस अब भारत के साथ हवाई रक्षा वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है.
भारत को एस-400 की अगली खेप अभी मिलनी बाकी है. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत मेें रोमन बाबुश्किन ने इसे लेकर कहा कि तय समय तक बाकी बचे S-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम भी मिल जाएंगे. उन्होंने बताया कि वायु रक्षा प्रणाली की शेष इकाइयों को 2025-2026 तक भारत को सौंपने के लिए रूस प्रतिबद्ध है.
’हमारे बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास'
उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई झड़पों के दौरान एस-400 ने बहुत कुशलता से काम किया. हमारे बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है. बाबुश्किन ने कहा कि यूरोप और यहां की तुलना में वायु रक्षा प्रणाली जो हम अनुभव कर रहे हैं, यह सामान्य रूप से रक्षा तैयारी में हमारी साझेदारी के अनुकूल है.
’ड्रोन के खतरे दोनों देशों के लिए चिंता का विषय'
बाबुश्किन ये भी संकेत दिया कि भारत और रूस के बीच वायु रक्षा सहयोग को और विस्तार दिया जा सकता है, विशेष रूप से ड्रोन्स के मामलों को लेकर. उन्होंने कहा कि हम इस खतरे से निपटने के लिए पिछले कुछ सालों से जूझ रहे हैं और हमारे डिफेंस सिस्टम लगातार हाईटेक हो रहे हैं. ड्रोन के खतरे दोनों देशों के लिए बराबर चिंता का विषय हैं.
भारत दौरे पर आएंगे रूस के विदेश मंत्री
रोमन बाबुश्किन ने बताया कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की भारत यात्रा को लेकर भी चर्चा चल रही है और ये जल्द ही संभव हो सकती है.
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