रेवाड़ी जिले में कन्या भ्रूण की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। डीसी अभिषेक मीणा ने आंगनबाड़ी वर्करों को सभी गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य पंजीकरण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रसव के बाद यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिला का पंजीकरण हुआ था या नहीं। डीसी का दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर लघु सचिवालय सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक में डीसी ने दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया। पहला कार्यक्षेत्र की हर गर्भवती महिला का आंगनबाड़ी सेंटर में पंजीकरण। दूसरा कमजोर स्वास्थ्य वाले बच्चों का विशेष रिकॉर्ड रखना। उन्होंने सभी गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण पर बल दिया। जिले में 1099 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव ने जिले के आंकड़े प्रस्तुत किए। जिले में 1099 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत हैं। इनमें 3-6 वर्ष के 8,446 बच्चे और 6 माह से 3 वर्ष के 13 हजार बच्चे पौष्टिक आहार प्राप्त कर रहे हैं। बैठक में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना और हरिहर स्कीम जैसी योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में एडीसी राहुल मोदी, नगराधीश प्रीति रावत, सीडीपीओ राधा यादव के साथ आंगनबाड़ी सुपरवाइजर और बाल विकास अधिकारी उपस्थित थे।
रेवाड़ी में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण करवाना अनिवार्य:कन्या भ्रूण की सुरक्षा के लिए पहल, डीसी बोले-आंगनवाड़ी वर्कर्स रखेगी निगरानी
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